करंट से महिला की मौत, बिजली कंपनी पर 10 लाख 37 हजार मुआवजे का आदेश

अर्थिंग प्रणाली में गड़बड़ी का आरोप, घटना दिनांक से 9% ब्याज भी देने का निर्देश

हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को दी पुष्टि


छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने करंट लगने से हुई महिला की मौत के मामले में बिजली कंपनी छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (सीएसपीडीसीएल) को जिम्मेदार ठहराते हुए मृतका के परिवार को 10 लाख 37 हजार 680 रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया। साथ ही मुआवजे पर घटना दिनांक से 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज देने के निर्देश भी दिए गए हैं।


अर्थिंग प्रणाली की गड़बड़ी से हुआ हादसा

घटना 13 दिसंबर 2017 को भाटापारा निवासी पंचोबाई यादव के घर में हुई, जब बोरिंग से नहाने के दौरान करंट लगने से उनकी मौत हो गई। मृतका के पति लाला राम यादव और बच्चों ने इसे बिजली कंपनी की लापरवाही बताया, विशेषकर अर्थिंग प्रणाली के दोषपूर्ण होने का हवाला देते हुए 11 लाख रुपए मुआवजे की मांग की।


निचली अदालत ने लगाया सख्त दायित्व सिद्धांत

वादी के तर्कों और सबूतों के आधार पर ट्रायल कोर्ट ने सीएसपीडीसीएल को सख्त दायित्व सिद्धांत के तहत उत्तरदायी माना। फैसले में कहा गया कि खतरनाक गतिविधि में शामिल व्यक्ति या संगठन किसी भी नुकसान के लिए जिम्मेदार है, चाहे गलती या लापरवाही हो या नहीं।

मुआवजे में शामिल राशि:

  • 9 लाख 67 हजार 680 रुपए क्षतिपूर्ति के रूप में।
  • 70 हजार रुपए मानसिक पीड़ा, संपत्ति हानि, और अंतिम संस्कार के खर्च के लिए।
  • घटना दिनांक से 9% वार्षिक ब्याज

बिजली कंपनी ने की अपील, हाईकोर्ट ने खारिज की

ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ बिजली कंपनी ने हाईकोर्ट में अपील दायर की। कंपनी ने तर्क दिया कि घटना गृहस्वामी की आंतरिक वायरिंग में गड़बड़ी और मृतक की लापरवाही के कारण हुई।

हालांकि, हाईकोर्ट की जस्टिस रजनी दुबे की डिवीजन बेंच ने ट्रायल कोर्ट के फैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि बिजली कंपनी पर विद्युत व्यवस्था दुरुस्त रखने की जिम्मेदारी है। सख्त दायित्व सिद्धांत के तहत कंपनी को उत्तरदायी ठहराया गया।


अदालत का निर्णय और संदेश

हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट और मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के पूर्ववर्ती मामलों का संदर्भ लेते हुए कहा कि सख्त दायित्व के तहत, किसी भी खतरनाक गतिविधि में शामिल कंपनी या संगठन को नुकसान के लिए जिम्मेदार माना जाता है, चाहे गलती या लापरवाही हो या न हो।

यह फैसला बिजली कंपनियों को उनकी जिम्मेदारी का एहसास कराते हुए नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़ा संदेश देता है।


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