महासमुंद जिले के आरंग थाना क्षेत्र में गौ तस्करी के संदेह में तीन युवकों की पिटाई से हुई मौत के मामले में एसआईटी जांच की मांग पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को ट्रायल कोर्ट में अपना पक्ष रखने की अनुमति दी है।
घटना का विवरण:
- घटना जून 2024 की है, जब रायपुर से ओडिशा जा रहे ट्रक को गौ तस्करी के संदेह में कुछ लोगों ने महानदी पुल पर रोक लिया।
- ड्राइवर और दो खलासियों की पिटाई के बाद तीनों घायल अवस्था में पुल के नीचे मिले।
- दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीसरे ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
- पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर पांच लोगों को गिरफ्तार किया।
याचिकाकर्ता की दलीलें:
- मृतकों के परिजनों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर एसआईटी जांच की मांग की।
- याचिका में कहा गया कि घायल चाँद मियां ने घटना की जानकारी मोबाइल फोन के माध्यम से अपने कजिन को दी और कुछ वीडियो भी बनाए थे।
- आरोप लगाया गया कि 10 से 15 आरोपी घटना में शामिल थे, लेकिन पुलिस ने केवल 5 लोगों को नामजद किया।
शासन का पक्ष:
- शासन ने तर्क दिया कि पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
- मामले में चालान प्रस्तुत किया गया है और ट्रायल कोर्ट ने आरोप तय कर दिए हैं।
- हाईकोर्ट को जानकारी दी गई कि ट्रायल कोर्ट में चार्ज फ्रेम हो चुका है।
हाईकोर्ट का आदेश:
- दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि प्रकरण में ट्रायल कोर्ट में आरोप तय किए गए हैं।
- याचिकाकर्ता को ट्रायल कोर्ट में अतिरिक्त साक्ष्य प्रस्तुत करने की अनुमति दी गई है।
- यह कहते हुए कोर्ट ने एसआईटी जांच की मांग खारिज कर दी।
निष्कर्ष:
इस मामले में हाईकोर्ट ने एसआईटी जांच की जरूरत नहीं समझी और ट्रायल कोर्ट में याचिकाकर्ता को न्याय पाने का विकल्प दिया है। ट्रायल प्रक्रिया में आरोपियों पर लगाए गए आरोपों की जांच और फैसला होगा।
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