महापर्व छठ मंगलवार को नहाय-खाय से शुरू हुआ। छठ घाट पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव, बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला, उद्योगपति प्रवीण झा सहित सैकड़ों लोगों ने अरपा मइया की महाआरती की। इस अवसर पर घाट पर 5100 दीप प्रज्वलितत कर नदी में प्रवाहित किया गया। चार दिनों तक चलने वाले इस कठिन व्रत के लिए बुधवारी, शनिचरी सहित प्रमुख बाजारों में रौनक देखते ही बनी। लोग छठ के लिए सूप, मिट्टी व कांसे के बर्तन के साथ ही टोकरी और फल सहित पूजन सामग्री की खरीदारी करते नजर आए।
चार दिवसीय छठ पर्व की शुरुआत मंगलवार को नहाय-खाय के साथ हुई। वहीं आठ नवंबर को उगते सूर्य को अघ्र्य देने के साथ इसका समापन होगा। छठ महापर्व को लेकर पांच नवंबर को नहाय-खाय से अनुष्ठान की शुरुआत हुई। व्रतियों ने सुबह स्नान-ध्यान कर भगवान सूर्य को अघ्र्य देकर उनसे शक्ति की कामना की। इसके बाद घरों में पूजा-अर्चना कर कद्दू की सब्जी, अरवा चावल का भात व चना दाल तैयार हुआ। इसे भगवान को अर्पित करने के बाद स्वयं ग्रहण किया, फिर प्रसाद स्वरूप वितरित भी किया गया। दूसरे दिन यानी आज छह नवंबर को खरना अनुष्ठान होगा।
आज खरना अनुष्ठान
दिन भर उपवास रह कर सूर्यास्त के बाद व्रती भगवान की पूजा-अर्चना कर गुड़ की खीर, रोटी, केला का नैवेद्य देने के बाद स्वयं इसे ग्रहण करेंगे। इसके साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू होगा। वहीं तीसरे दिन यानी सात नवंबर को व्रती छठ घाट पर अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अघ्र्य देंगे।आठ नवंबर को उदयाचलगामी भगवान भास्कर को अघ्र्य देने के बाद हवन कर सबके लिए मंगलकामना करेंगे। प्रसाद वितरण के बाद व्रती घर आकर पारण करेंगे।
छठ पर्व पर पार्किंग व सुरक्षा के इंतजाम
घाटों को साफ करने के साथ ही उसके आस पर स्वच्छता और सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे हैं। छठ समितियां तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी हुई है। छठ घाट के पास दोपहिया व चार पहिया वाहनों के लिए अलग-अलग पार्किग की व्यवस्था की गई है। रोशन की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। पटाखा छोडऩे के लिए अलग से पटाखा जोन बनाया गया है। व्रतियों के सहयोग के लिए स्वयंसेवी भी तैनात रहेंगे।
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