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पं. सुंदरलाल शर्मा (मुक्त) विश्वविद्यालय, बिलासपुर, छत्तीसगढ़ में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025 के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम का समापन समारोह भव्य रूप से संपन्न हुआ। कार्यक्रम में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. प्रकृति वर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं, जबकि अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री भुवन सिंह राज ने की। समारोह में 10 से 18 मार्च तक आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजयी प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।
महिलाओं की सशक्त भूमिका पर प्रेरणादायक उद्बोधन
अपने संबोधन में कुलसचिव श्री भुवन सिंह राज ने कहा कि महिलाएँ समाज की रीढ़ हैं। वे केवल परिवार की देखभाल ही नहीं करतीं, बल्कि शिक्षा, विज्ञान, राजनीति, खेल और व्यापार जैसे हर क्षेत्र में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। आज के समय में यह स्पष्ट है कि महिलाएँ किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं हैं। उन्हें यदि समान अवसर और सुविधाएँ मिलें, तो वे असाधारण उपलब्धियाँ हासिल कर सकती हैं।
उन्होंने झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई, अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला, भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, और देश की पहली महिला आईपीएस अधिकारी किरण बेदी जैसी महान महिलाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि इन सभी ने अपनी मेहनत और समर्पण से समाज को प्रेरित किया है।

हालांकि, आज भी समाज में महिलाओं को लैंगिक भेदभाव, शिक्षा की कमी और कार्यस्थल पर असमानता जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति को बदलने के लिए हमें संकल्प लेना होगा कि महिलाओं को समान अवसर, सम्मान और स्वतंत्रता प्रदान करें। शिक्षा, आत्मनिर्भरता और जागरूकता ही महिलाओं की असली ताकत है, और जब महिलाएँ सशक्त होंगी, तब समाज और देश भी आगे बढ़ेगा।
मुख्य अतिथि डॉ. प्रकृति वर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि महिलाएँ केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि सृजन और पोषण की प्रतीक हैं। वे समाज की आधारशिला होती हैं और संपूर्ण चक्र का निर्माण करती हैं—जीवन को जन्म देने से लेकर उसे पोषित करने और आगे बढ़ाने तक।
उन्होंने कहा कि आज महिलाएँ सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रही हैं, लेकिन अब भी उन्हें कई सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यदि हम महिलाओं को समान अधिकार, शिक्षा और अवसर प्रदान करें, तो वे आत्मनिर्भर बन सकती हैं और समाज के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने इस अवसर पर सभी को संकल्प लेने के लिए प्रेरित किया कि हर महिला को उसका हक और सम्मान मिले, क्योंकि जब एक महिला आगे बढ़ती है, तो पूरा समाज प्रगति करता है।

प्रतियोगिताओं के विजेताओं को किया गया सम्मानित
अंतर्राष्ट्रीय महिला पखवाड़े के अंतर्गत विभिन्न प्रतियोगिताओं के परिणाम घोषित किए गए, जिसमें विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
- शतरंज प्रतियोगिता: श्रीमती भारती दुबे
- नींबू दौड़: अंजना सुनहरे
- बैडमिंटन प्रतियोगिता: अंकिता लकड़ा
- कुर्सी दौड़: श्रीमती भारती दुबे
- तवा एवं भाला फेंक: डॉ. प्रीति साहू
- आनंद मेला (बेस्ट स्टॉल): श्रीमती एकता
- व्यंजन प्रतियोगिता: डॉ. सरिता चंद्रवंशी और डॉ. शिल्पा
- रंगोली प्रतियोगिता: श्रीमती सपना साहू
- केशसज्जा प्रतियोगिता: श्रीमती महेश्वरी
- सलाद सज्जा: डॉ. सरिता चंद्रवंशी
- मेहंदी प्रतियोगिता: निकिता सोनी
कार्यक्रम का संचालन डॉ. अनीता सिंह ने किया और आभार प्रदर्शन वरिष्ठ प्राध्यापक हीरालाल शर्मा ने किया। इस दौरान विश्वविद्यालय के शिक्षकगण, अधिकारीगण, कर्मचारीगण और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
निष्कर्ष
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025 के इस आयोजन ने महिला सशक्तिकरण के प्रति समाज की प्रतिबद्धता को मजबूती प्रदान की। महिलाओं की उपलब्धियों को सम्मानित कर और उनकी चुनौतियों को पहचानकर, यह कार्यक्रम एक समावेशी और न्यायसंगत समाज के निर्माण की दिशा में प्रेरणादायक साबित हुआ।
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