सभी त्यौहारों मे छिपा है आंतरिक शुद्धता और खुशी का संदेश: बीके मंजू
प्रभु दर्शन भवन टिकरापारा में पाजिटिव थिंकिंग की क्लास में दीपावली उत्सव मनाने के आध्यात्मिक रहस्य पर चर्चा हुई।
बीके शशि ने कहा कि दीपावली त्यौहार मनाने के संबंध में कई कथायें प्रचलित है इनमे मुख्य है जब माँ लक्ष्मी सहित सभी देवताये नरकासुर के आतंक से त्रस्त हो गये तब श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया। तत्पश्चात लक्ष्मी नारायण राज्याभिषेक के बाद विश्व महाराजन बने।
श्री राम ने रावण का वध कर अयोध्या पहुंचे तब उनके स्वागत मे पूरे अयोध्या को रोशन किया गया।
इस प्रकार हम देखते है कि हरेक पर्व कुछ न कुछ प्रेरणा देती है।हम सभी के अंदर आसुरी वृत्ति ही नरकासुर या रावण है। मूल कारण देह अभिमान। दीपावली पर बाहरी स्वच्छता के साथ आंतरिक (मन बुद्धि का) सफाई सजावट जरूरी है।
दीपराज एक परमात्मा का अनेक आत्मा रूपी दीपरानियो से मिलन का यादगार है दीपावली।
देहभान भूलकर आत्मिक स्मृति मे स्थित रहना ही आत्मा की ज्योति जगाना है। ज्ञान रूपी ज्योत स्वयं आत्मा मे जगानी है, फिर दुसरी आत्माओं को जगाना है। आने वाला सत्य का युग सुख समृद्धि की दुनिया होगी, पर ऐसी दुनिया मे जन्म लेने के लिये प्रयास अभी करना होगा।
आगे कहा कि एक प्रसंग मे माँ लक्ष्मी ने माँ पार्वती से गणेश को मांगा साथ ही वचन दिया कि मेरे साथ गणेश की पूजा होने पर ही पूजा सफल होगी।यह इस बात का प्रतीक है कि
विवेक के साथ धन का सदुपयोग करने से ही सुख समृद्धि मे वृद्धि होगी।
बीके मंजू ने दीपावली की बधाई देते कहा कि मा बाप बच्चों के नाम देवी देवताओं के नाम पर रखते है। अगर बच्चे अपने नाम को सार्थक कर दे तो भी परिवार मे खुशहाली बनी रहेगी।
प्रीति बहन एवं ग्रुप द्वारा सास्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर बडी संख्या मे शहर के साथ गांव गांव से भी ब्रह्मा वत्स उपस्थित थे
अंत मे सभी ने परमात्मा की याद मे भोग ग्रहण किया और वरदान प्राप्त किया।
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