हाईकोर्ट ने रेलवे क्षेत्र में 242 पेड़ों की कटाई के मामले में सुनवाई के बाद बुधवार को याचिका को निराकृत कर दिया। रेलवे की ओर से पेश वकील रमाकांत मिश्रा ने अदालत को बताया कि विशेषज्ञों की राय के आधार पर केवल सुबबूल प्रजाति के पेड़ काटे गए हैं, जिन्हें हटाया जा सकता है। इसके अलावा, रेलवे अन्य स्थानों पर नए पेड़ लगाने का काम कर रहा है।
हाईकोर्ट ने जताई थी नाराजगी
वंदेभारत ट्रेनों के मेंटनेंस के लिए डिपो निर्माण और नई लाइन बिछाने के काम में हरे-भरे पेड़ों की कटाई पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने पिछली सुनवाई में इस पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने रेलवे अधिकारियों से पूछा था कि क्या पर्यावरण सुरक्षा को लेकर उनकी कोई चिंता है।
रेलवे ने जिस स्थान पर डिपो निर्माण का निर्णय लिया था, वह क्षेत्र पूरी तरह हरा-भरा था। अधिकारियों ने 242 पेड़ों की कटाई के लिए 14 मई 2024 को वन विभाग से अनुमति मांगी थी। लेकिन अनुमति मिलने से पहले ही पेड़ काट दिए गए।
रेलवे की सफाई पर कोर्ट संतुष्ट
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार और रेलवे अधिकारियों से बगैर अनुमति पेड़ काटने का जवाब मांगा था। बुधवार को रेलवे की ओर से अदालत में पूरी जानकारी पेश की गई। रेलवे ने बताया कि कटाई विशेषज्ञों की राय के आधार पर की गई और इसके एवज में नए पेड़ लगाए जा रहे हैं। कोर्ट ने जवाब से संतुष्ट होकर याचिका को निरस्त कर दिया।
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