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सत्संग: संत सांई लाल दास जी ने दिया एकता और भक्ति का संदेश

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झूलेलाल नगर चकररभाठा में स्थित सिंधु अमर धाम आश्रम के संत सतगुरु सांई लाल दास जी द्वारा एक भव्य और दिव्य सत्संग समारोह का आयोजन सिंधी कॉलोनी स्थित पूज्य पंचायत भवन में किया गया। इस मौके पर संत के संदेशों ने भक्तों को एकता और भक्ति की दिशा में प्रेरित किया।


सत्संग की भव्य शुरुआत

सत्संग की शुरुआत संत सांई लाल दास जी के रथ के साथ हुई, जिसमें बैंड-बाजा, आतिशबाजी और फूलों की वर्षा के साथ उनका भव्य स्वागत किया गया। महिला विंग द्वारा आरती उतारी गई और झूलेलाल भगवान के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया गया। संत का स्वागत झूलेलाल सेवा समिति, सिंधु कल्चरल एलायंस फोरम और पूज्य सिंधी पंचायत के पदाधिकारियों ने फूल-मालाओं और शाल ओढ़ाकर किया। इस अवसर पर संत जी ने प्रमुख व्यक्तियों और पत्रकारों को शाल एवं श्रीफल देकर सम्मानित किया।


संत सांई लाल दास जी का संदेश: एकता और भाईचारे का आह्वान

संत सांई लाल दास जी ने अपनी अमृतवाणी में समाज में एकता और भाईचारे का संदेश दिया। उन्होंने भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की बात करते हुए जात-पात की विदाई की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हम हिंदू हैं और आपस में भाई-भाई हैं।” संत ने बागेश्वर धाम के संत धीरेंद्र शास्त्री द्वारा निकाली गई पदयात्रा की सराहना की और इसे हिंदू समाज को एकजुट करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

संत ने हिंदू समाज पर हो रहे अत्याचारों का उल्लेख करते हुए एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा, “हमें अपनी संस्कृति और धर्म की रक्षा के लिए एकजुट होकर काम करना होगा।” संत ने इस अवसर पर अपने भक्तों को यह भी बताया कि वे किसी भी धर्म का विरोध नहीं करते, लेकिन अत्याचार और झूठे आरोपों का सामना करने के लिए हमें अपनी शक्ति को पहचानना होगा।


झूलेलाल चालीहा महोत्सव और भक्ति भरे भजन

संत ने आगामी 2 दिसंबर से शुरू हो रहे झूलेलाल चालीहा महोत्सव की महिमा बताई और घाघर पूजन की विधि को समझाया। इसके बाद संत ने भक्ति भरे भजन गाए, जिनमें उपस्थित भक्तजन झूम उठे। भजनों के साथ संत ने अपने शिष्य और भक्तों को प्रेम और भक्ति का पाठ पढ़ाया।


भंडारा और प्रसाद वितरण

सत्संग के समापन के बाद आरती और विश्व कल्याण के लिए प्रार्थना की गई। इसके बाद प्रसाद वितरण और भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने भाग लिया। कार्यक्रम का लाइव प्रसारण सोशल मीडिया पर किया गया, जिसे हजारों लोगों ने देखा और इसका लाभ लिया।


संगठन और सेवादारों का योगदान

इस भव्य आयोजन को सफल बनाने में झूलेलाल सेवा समिति, बाबा गुरमुख दास सेवा समिति और सभी सेवादारों का विशेष योगदान रहा। इस आयोजन ने न केवल भक्तों को भक्ति और एकता का संदेश दिया, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और धार्मिक एकता को भी प्रदर्शित किया।


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