बिलासपुर के एनटीपीसी सीपत प्लांट से निकलने वाले राखड़ परिवहन में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। ट्रांसपोर्टर्स और एनटीपीसी प्रबंधन की मिलीभगत से ओवरलोडिंग के जरिए हर महीने करोड़ों का राजस्व नुकसान हो रहा है।
मुख्य आरोप
- 600 से अधिक ट्रक रोजाना ओवरलोड: टेंडर के नियमों के अनुसार ट्रक को 55 टन राखड़ ले जाना चाहिए, लेकिन ये गाड़ियां 75-80 टन भार लेकर चल रही हैं।
- फर्जी बिलिंग: ट्रांसपोर्टर फर्जी बिल लगाकर अतिरिक्त भार का पैसा एनटीपीसी से वसूल रहे हैं।
- प्रशासन और आरटीओ की मिलीभगत: ओवरलोड ट्रकों से आरटीओ हर महीने 20,000 रुपये प्रति गाड़ी की अवैध वसूली कर रहा है।
आंदोलन की चेतावनी
क्षेत्रीय ट्रांसपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन सीपत ने इस भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन शुरू किया है।
- ज्ञापन सौंपा: सोमवार को कलेक्टर को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की।
- आंदोलन तेज करने की तैयारी: प्रशासनिक अनदेखी के चलते संगठन ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
प्रभावित हो रही सड़कों की स्थिति और ग्रामीण जीवन
- सड़कें खराब हो रही हैं: क्षमता से अधिक भार के कारण सड़कें जल्दी खराब हो रही हैं।
- दुर्घटनाओं में वृद्धि: ओवरलोडिंग के चलते पुल-पुलिया टूट रहे हैं, जैसे हाल ही में गतौरा-जयरामनगर पुल।
- ग्रामीणों का स्वास्थ्य प्रभावित: उड़ती हुई धूल और खराब सड़कों से ग्रामीणों को असुविधा और स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
सरकार और प्रबंधन पर सवाल
एनटीपीसी के अधिकारी, ट्रांसपोर्टर, और आरटीओ के बीच गहरी सांठगांठ ने भ्रष्टाचार को संगठित रूप दे दिया है। क्षेत्रीय लोगों और ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के समर्थन से इस मुद्दे पर व्यापक आंदोलन की संभावना है।
सरकार और प्रशासन को जल्द से जल्द कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि यह भ्रष्टाचार, पर्यावरण, और सामाजिक समस्याओं का समाधान हो सके।
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