बिलासपुर में धूमधाम से मनाई गई दिवाली, माता लक्ष्मी और काली की विशेष पूजा-अर्चना, आतिशबाजी से गूंज उठा शहर बिलासपुर

कार्तिक मास की अमावस्या के दिन 31 अक्टूबर व 1 नवम्बर को दिवाली का पर्व बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया गया। पूरे शहर में मंदिरों व घरों में माता लक्ष्मी, भगवान गणेश व कुबेर और माँ काली की विशेष आराधना की गई। श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में मंदिरों में जाकर देवी लक्ष्मी और काली की पूजा अर्चना की और धन, सुख-समृद्धि की कामना की। दीपों और रंग-बिरंगी रोशनी से सजा पूरा शहर एक अद्भुत नजारा प्रस्तुत कर रहा था, मानो पूरा शहर जगमगा उठा हो। बिलासपुर में इस बार दिवाली का पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक रहा, बल्कि यह आपसी प्रेम, सौहार्द और एकता का संदेश देने वाला पर्व बन गया।

दीपों और पटाखों से गूंज उठा शहर

शहरवासियों ने दीयों और पटाखों के साथ जमकर दीवाली मनाई। रात होते ही बिलासपुर का आसमान रंग-बिरंगी आतिशबाजी से जगमगा उठा। छोटे बच्चे से लेकर बड़े-बुजुर्ग तक, सभी ने अपने-अपने घरों के बाहर दीप जलाए और पटाखे छोड़े। इस पर्व के दौरान लोगों ने घर-घर जाकर एक-दूसरे को मिठाइयाँ खिलाईं और शुभकामनाएं दीं। दिवाली के इस अवसर पर सभी ने आपसी मेलजोल बढ़ाने और बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश साझा किया।

गौरी-गौरा पूजा की हुई विधिपूर्वक अर्चना
दिवाली के दूसरे व तीसरे दिन बिलासपुर में गौरी-गौरा की पूजा का विशेष आयोजन किया गया। इसे लेकर महिलाओं ने पारंपरिक परिधान पहनकर गौरी-गौरा की मूर्तियों का पूजन किया और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। विशेषतौर पर महिलाएँ इस पूजा में भाग लेती हैं और इसे श्रद्धा और उल्लास के साथ संपन्न करती हैं। गौरी-गौरा पूजा के दौरान लोक गीतों का भी आयोजन हुआ, जिससे पूरा माहौल भक्तिमय हो उठा।

तीसरे दिन गोवर्धन पूजा का आयोजन
दिवाली के तीसरे दिन गोवर्धन पूजा की परंपरा को निभाया गया। इस दिन लोगों ने भगवान कृष्ण के गोवर्धन पर्वत को उठाकर ग्रामवासियों की रक्षा करने की कथा को स्मरण किया और गोवर्धन पूजा के दौरान अन्नकूट का आयोजन किया गया। इस दिन खासतौर पर पकवान बनाए गए और भगवान को भोग अर्पित किया गया।

भाई दूज पर आज भाई-बहनों का प्यार और उपहारों का आदान-प्रदान
5 नवंबर को भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा। इस अवसर पर बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करेंगी। भाई दूज पर बहनें भाइयों को तिलक करेंगी और मिठाई खिलाएंगी। भाई-बहन के इस पवित्र त्योहार में उपहारों का आदान-प्रदान भी किया जाता है, जिसमें भाई अपनी बहनों को उपहार देकर उनके प्रति अपने प्रेम और सम्मान का इज़हार करेंगे।


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