मार्गशीर्ष माह (अगहन) का पहला गुरुवार आज श्रद्धा और भक्ति से ओत-प्रोत है। यह महीना भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का प्रिय माना जाता है। अगहन के प्रत्येक गुरुवार को लक्ष्मी पूजन करने की परंपरा रही है, जिससे सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है। मंगलवार से प्रारंभ हुए इस पवित्र महीने में भक्तगण भगवान विष्णु को “दामोदर” नाम से और श्रीकृष्ण के रूप में पूजते हैं।
घर-द्वार सजाकर मां लक्ष्मी की पूजा
अगहन गुरुवार की खास मान्यता के अनुसार, भक्त अपने घर-द्वार को सजाकर मां लक्ष्मी की आराधना करते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यह महीना धन की देवी लक्ष्मी का विशेष महीना है। इस दौरान विधि-विधान से की गई पूजा से धन-धान्य और वैभव की प्राप्ति होती है। ऐसा कहा जाता है कि देवी लक्ष्मी गुरुवार को पृथ्वी पर आती हैं और उन्हीं घरों में वास करती हैं, जहां स्वच्छता, सजावट और सात्विकता का पालन होता है।
रंगोली और पगचिह्न बनाकर देवी का स्वागत
महिलाएं हर बुधवार को घर को रंगोली और सजावट से सुंदर बनाती हैं। देवी लक्ष्मी के पगचिह्न बनाकर गुरुवार को सुबह उनका स्वागत करती हैं। दिनभर देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, जिसमें सुबह, दोपहर और शाम के समय भोग अर्पित किया जाता है।
विवाह और पारिवारिक समस्याओं का समाधान
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अगहन गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा करने से वैवाहिक समस्याएं दूर होती हैं। जिनकी शादी में बाधाएं आ रही होती हैं, उन्हें विशेष लाभ मिलता है। साथ ही, पारिवारिक कलह समाप्त होती है और धनागमन के रास्ते खुलते हैं।
इसलिए इस पवित्र दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना कर सुख और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करें।
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