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नगर निगम चुनाव के लिए बनाई गई मतदाता सूची में गड़बड़ी का मामला सामने आया है, जिससे शहर के कई वार्डों में नागरिकों की परेशानी बढ़ गई है। गड़बड़ी की शिकायतें आने के बाद, बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 56 और 59 में विशेष रूप से मतदाता सूची में गंभीर विसंगतियां देखी जा रही हैं।
वार्ड क्रमांक 56 के लगभग 300 मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं। इसके अलावा कुछ नाम गलत वार्ड में जोड़ दिए गए हैं, जिससे वार्डवासियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके परिणामस्वरूप 150 मतदाता ऐसे हैं जिनका नाम किसी भी वार्ड की सूची में नहीं मिल रहा है।
वार्ड क्रमांक 59 में अवैध कब्जे और मतदाता सूची में त्रुटियाँ
वार्ड क्रमांक 59 में नगर निगम ने लगभग 9 माह पहले अवैध कब्जे की कार्रवाई की थी, जिसके तहत लगभग 600 मकानों को तोड़ा गया था। इस कार्रवाई के बाद प्रभावित 4000 मतदाता अटल आवास पर स्थानांतरित किए गए हैं, जो भौतिक रूप से वार्ड क्रमांक 57 और 58 के अंतर्गत आते हैं। इससे भी मतदाता सूची में विसंगतियां पैदा हो गई हैं।
कांग्रेस ने उठाई आवाज, एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
कांग्रेस पार्टी के जिला और प्रदेश पदाधिकारी सोमवार को वार्डवासियों के समर्थन में एसडीएम कार्यालय पहुंचे और ज्ञापन सौंपा। उनका कहना था कि जिन मतदाताओं के नाम काटे गए हैं, उन्हें पुनः वार्ड में जोड़ा जाए। जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी और प्रदेश महिला कांग्रेस कमेटी की महासचिव शिल्पी तिवारी ने इस मामले में भाजपा पार्षद की साजिश की आलोचना की।
गड़बड़ी की गंभीरता पर उठाए सवाल
कांग्रेस नेताओं ने सवाल उठाया कि यदि यह गड़बड़ियां नहीं सुधरीं तो वार्ड क्रमांक 59 के पार्षद को पार्षद निधि के खर्च के मामले में समस्या होगी, क्योंकि इसके मतदाता अन्य वार्डों में शिफ्ट हो चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाए गए कि वे चुनाव से डरकर ऐसे षड्यंत्र कर रहे हैं।
एसडीएम का बयान
एसडीएम पीयूष तिवारी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यदि किसी को वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की शिकायत है, तो वे अपनी आपत्ति दर्ज कर सकते हैं। आपत्तियों के आधार पर समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि परिसीमन के कारण कुछ वोटर अन्य वार्डों में शिफ्ट हो सकते हैं, लेकिन नामों को काटना गलत नहीं है।
विधिवत आपत्ति, लेकिन प्रशासन की चुप्पी
वार्ड क्रमांक 59 के पार्षद महेंद्र नेताम ने इस मामले को लेकर विधिवत रूप से आपत्ति दर्ज कराई थी, लेकिन प्रशासन ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। कांग्रेस पार्टी और वार्डवासियों के विरोध के बाद अब जिला निर्वाचन आयोग से इस समस्या का समाधान निकालने की उम्मीद जताई जा रही है।
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