शासकीय मदन लाल शुक्ल स्नातोत्तर महाविद्यालय सीपत में हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ. हेमन्त पाल घृतलहरे का चयन विश्व के प्रतिष्ठित तथा मानविकी एवं समाजविज्ञान के क्षेत्र में भारत की सर्वोच्च संस्था भारतीय उच्च अध्य्यन संस्थान, राष्ट्रपति निवास शिमला में सह-अध्येता के रूप में हुआ है। उस विश्वस्तरीय संस्थान में उन्होंने अक्टूबर 2024 में एक माह रहकर शोध अध्ययन का प्रथम सत्र पूर्ण किया और “इक्कीसवीं सदी की हिन्दी कविता में अस्मिताबोध” विषय पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। उनके प्रस्तुतीकरण सत्र की अध्यक्षता डॉ. प्रियंका वैद्य (अध्येता, हिमाचल विवि) ने की। अपने प्रस्तुतिकरण में डॉ हेमन्त पाल ने बताया कि अस्मिता आज का मूल प्रश्न है, इसका अर्थ पहचान या “आईडेंटिटी” है। यह केवल मनुष्य की ही नहीं, बल्कि पशु-पक्षी, परंपरा और प्रकृति की भी होती है। इसमें अस्तित्व का बोध होता है|
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