बिलासा एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग सुविधा में हो रही देरी को लेकर हाईकोर्ट ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) (AAI) से जवाब मांगा है। कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिया कि सक्षम अधिकारी एक सप्ताह के भीतर शपथपत्र दाखिल कर यह बताएं कि कम से कम समय में यह सुविधा कब तक शुरू हो सकती है। AAI ने नाइट लैंडिंग के लिए 2 साल का समय मांगा है, जिसे कोर्ट ने अस्वीकार्य बताया। अगली सुनवाई 1 सप्ताह बाद होगी।
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण उपकरण आयात में देरी
सुनवाई के दौरान AAI के वकील ने कोर्ट को बताया कि रूस से उपकरण आयात होना था, लेकिन युद्ध के कारण यह संभव नहीं हो पाया। अब दक्षिण कोरिया से उपकरण मंगाने की प्रक्रिया चल रही है, जिसमें समय लग सकता है। इस पर खंडपीठ ने आपत्ति जताते हुए कहा कि रूस और दक्षिण कोरिया की परिस्थितियां अलग हैं, और दक्षिण कोरिया में ऐसा कोई अवरोध नहीं है।
लंबे समय से चल रही प्रक्रिया
याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने बताया कि नाइट लैंडिंग के लिए अधिकांश कार्य पहले ही पूरे हो चुके हैं और केवल डीवीओआर मशीन लगानी बाकी है। इसके बावजूद 2 साल का समय मांगना अनुचित है। उन्होंने यह भी बताया कि योजना के तहत 2024-25 तक यह सुविधा शुरू हो जानी चाहिए थी।
राज्य सरकार का बयान
राज्य सरकार ने अपने शपथपत्र में बताया कि बिलासपुर एयरपोर्ट को 4C एयरपोर्ट में अपग्रेड करने की प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया जारी है और विभिन्न परामर्श कंपनियों से रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है।
कोर्ट का आदेश
कोर्ट ने AAI को निर्देश दिया कि नाइट लैंडिंग सुविधा के लिए न्यूनतम समय में कार्य पूरा करने की योजना प्रस्तुत करें। कोर्ट ने इसे लेकर जल्द कदम उठाने की आवश्यकता जताई और अगली सुनवाई तक स्पष्ट शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया।
इस मामले में हाईकोर्ट ने नागरिकों की सुविधा को प्राथमिकता देने पर जोर दिया और जल्द समाधान की अपेक्षा की है।
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