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रामानुजगंज, छत्तीसगढ़।
करीब दो दशक पहले जिले में हुए धान खरीदी घोटाले में अब अदालत का अहम फैसला सामने आया है। रामानुजगंज जिला न्यायालय ने 17 दोषियों को तीन-तीन साल के कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही प्रत्येक पर 500-500 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।
गौरतलब है कि यह घोटाला वर्ष 2003-04 में कामेश्वरपुर और रामचंद्रपुर की सहकारी समितियों में सामने आया था। कोर्ट में पेश की गई जानकारी के अनुसार, कागजों पर ही धान की खरीदी दर्शाई गई, जबकि वास्तविक में किसानों को भुगतान न होकर राशि दोषियों के खातों में ट्रांसफर कर दी गई थी।
इस मामले में रामानुजगंज नगर पालिका अध्यक्ष रमन अग्रवाल के सगे भाई और चाचा भी दोषियों में शामिल हैं, जिन पर भी सजा लागू की गई है।
मामले की जांच कलेक्टर के निर्देश पर फूड विभाग के अधिकारियों द्वारा की गई थी, जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज की गई थी। वर्ष 2018 में भी कोर्ट ने आरोपियों को दोषी ठहराया था, लेकिन उन्होंने ऊपरी अदालत में अपील की थी। अब उस अपील को खारिज करते हुए जिला न्यायालय ने एक बार फिर सजा को बरकरार रखा है।

यह मामला यह सिद्ध करता है कि “देर हो सकती है, पर न्याय से अंधेर नहीं होता।”
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