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विष्णुदेव साय कैबिनेट का बड़ा फैसला: जानिए किन उद्योगों को दी ऊर्जा शुल्क में राहत और विशेष पैकेज की घोषणा

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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में कैबिनेट ने राज्य के स्टील उद्योगों को राहत देने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। राज्य के मिनी स्टील प्लांटों को 1 रुपए प्रति यूनिट की ऊर्जा शुल्क में छूट देने का निर्णय लिया गया है। यह राहत विशेष रूप से उन स्टील उद्योगों को दी जाएगी जिनके पास कैप्टिव पावर प्लांट नहीं हैं या जिनकी क्षमता 1 मेगावॉट से कम है तथा लोड 2.5 एमवीए से अधिक है।

राज्य सरकार ने यह निर्णय औद्योगिक और आर्थिक मंदी के कारण स्टील उद्योगों को प्रतिस्पर्धा में बनाए रखने और उन्हें राहत प्रदान करने के उद्देश्य से लिया है। इस छूट का लाभ 1 अक्टूबर 2024 से 31 मार्च 2025 तक मिलेगा।

कैबिनेट के निर्णय के मुख्य बिंदु:

ऊर्जा शुल्क में 1 रुपए प्रति यूनिट की छूट मिलेगी।
यह छूट केवल उन स्टील उद्योगों के लिए है जिनके पास कैप्टिव पावर प्लांट नहीं हैं या जिनकी क्षमता 1 मेगावॉट से कम है और लोड 2.5 एमवीए से अधिक है।
यह निर्णय 1 अक्टूबर 2024 से 31 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगा।
इस फैसले का मुख्य उद्देश्य स्टील उद्योगों को बढ़ती बिजली दरों के कारण होने वाली वित्तीय कठिनाइयों से राहत देना है। स्टील उद्योगों के लिए बिजली दरों में बढ़ोतरी के कारण उत्पादन लागत में वृद्धि हुई थी, जिसके कारण कई उद्योगों ने उत्पादन बंद कर दिया था। 29 जुलाई 2024 से लगभग 150 मिनी स्टील प्लांट और 50 स्पंज आयरन प्लांट हड़ताल पर थे, जिससे उद्योग में गंभीर संकट उत्पन्न हो गया था।

मिनी स्टील उद्योगों का आभार:

छत्तीसगढ़ मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल नचरानी ने राज्य सरकार के इस निर्णय पर आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, “हमारी मांग और मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव के बीच फर्क है, फिर भी हम आभारी हैं कि हमारी बात को सुना गया। यह निर्णय इस बात को दर्शाता है कि हम सरकार को यह समझाने में सफल रहे कि इस्पात उद्योग छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है।”

विष्णुदेव साय कैबिनेट का बड़ा फैसला: जानिए किन उद्योगों को दी ऊर्जा शुल्क में राहत और विशेष पैकेज की घोषणा

नचरानी ने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य राज्य के इस्पात उद्योगों को सुदृढ़ बनाना है और वे उम्मीद करते हैं कि सरकार के साथ रचनात्मक संवाद जारी रहेगा ताकि राज्य के समग्र विकास में इस्पात उद्योग का योगदान बढ़ सके।

इस निर्णय से राज्य के स्टील उद्योगों को संजीवनी मिलेगी और उन्हें अपनी उत्पादन क्षमता में सुधार करने का मौका मिलेगा, जिससे छत्तीसगढ़ की औद्योगिक विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा।


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