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बिलासपुर। रंगों, संगीत और उल्लास से भरी शाम में एक अनोखा नजारा देखने को मिला जब कांग्रेस विधायक ने फाग की धुन छेड़ी, तो भाजपा के विधायक भी खुद को रोक नहीं पाए और झूमने लगे। बिलासपुर प्रेस क्लब द्वारा आयोजित भव्य फाग महोत्सव में यह दृश्य देखने लायक था, जब राजनीतिक सीमाएं संगीत और रंगों के जश्न में घुलती नजर आईं।
फाग मंडलियों की शानदार प्रस्तुतियां
इस महोत्सव में बिलासपुर और आसपास के जिलों की करीब 15 फाग मंडलियों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता का शुभारंभ दोपहर 2 बजे हुआ और यह सांस्कृतिक संध्या शाम 6:30 बजे तक चलती रही। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार रूद्र अवस्थी, दिनेश दुबे और हरिप्रसाद सोनी निर्णायक मंडल के रूप में शामिल रहे।
ढोल, मंजीरा, झाल और मृदंग की गूंज से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। विभिन्न मंडलियों ने राधा-कृष्ण की होली, ब्रज की रासलीला और पारंपरिक फाग गीतों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। संगीतमय माहौल में उपस्थित सभी लोग झूमने को मजबूर हो गए।
राजनीतिक मतभेद भूल झूम उठे नेता

इस आयोजन में बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक, बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला और मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया सहित कई गणमान्य अतिथि शामिल हुए। लेकिन माहौल तब और भी दिलचस्प हो गया जब कांग्रेस विधायक दिलीप लहरिया की प्रस्तुति पर भाजपा के विधायकों ने भी कदम से कदम मिलाकर झूमना शुरू कर दिया। मंच पर कलाकारों के साथ-साथ दर्शकों की तालियां और ठुमके रुकने का नाम नहीं ले रहे थे।
फाग प्रतियोगिता के विजेता मंडलियों का सम्मान
फाग महोत्सव में हुई प्रतियोगिता में हर मंडली ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। निर्णायकों ने गायन की शुद्धता, ताल-लय और प्रस्तुति के आधार पर विजेताओं का चयन किया।
🏆 विजेता मंडलियां:
- प्रथम पुरस्कार (₹21,000): देवतरा की टीम
- द्वितीय पुरस्कार (₹11,000): ठकुरिकापा मंडली
- तृतीय पुरस्कार (₹5,100): महामाया फाग मंडली
- विशेष पुरस्कार (₹2,100): धरमपुरा मंडली
सभी विजेता टीमों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।

लोक संस्कृति के संरक्षण का प्रयास
बिलासपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष इरशाद अली ने कहा कि वर्षों पुरानी इस परंपरा को जीवित रखने का यह एक महत्वपूर्ण प्रयास है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से लोक कलाकारों को प्रोत्साहन मिलता है और हमारी संस्कृति को संजोने में मदद मिलती है। उन्होंने इस महोत्सव को सफल बनाने में सहयोग देने वाले पत्रकारों और शहरवासियों का आभार व्यक्त किया।
“होली का रंग सबसे बड़ा होता है!” जब राजनीतिक मतभेद भूलकर नेता भी लोक धुनों पर झूम उठें, तो यह त्योहार के वास्तविक संदेश को दर्शाता है।
स्वादिष्ट व्यंजन और अतिथियों का स्वागत
प्रेस क्लब द्वारा आगंतुकों के लिए गरमा-गरम टमाटर की चटनी और भजिया के साथ ठंडाई की व्यवस्था की गई थी, जिसका लोगों ने पूरे आयोजन के दौरान आनंद लिया।
गणमान्य अतिथि एवं पत्रकारों की उपस्थिति
कार्यक्रम में पूर्व सांसद लखनलाल साहू, महापौर पूजा विधानी, डॉ. उज्ज्वला कराडे, डॉ. श्रीकांत गिरी, डॉ. विनोद तिवारी, समाजसेवी प्रवीण झा, सीएमएचओ प्रमोद तिवारी सहित कई गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
इसके अलावा, बिलासपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष इरशाद अली, सचिव दिलीप यादव, सहसचिव दिलीप जगवानी, कोषाध्यक्ष प्रतीक वासनिक और अन्य वरिष्ठ पत्रकारों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई।
निष्कर्ष
बिलासपुर प्रेस क्लब द्वारा आयोजित यह फाग महोत्सव केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह लोक संस्कृति के संरक्षण, सामुदायिक एकता और राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठने का प्रतीक बन गया। इस आयोजन ने यह साबित कर दिया कि रंग, संगीत और संस्कृति की शक्ति सबसे बड़ी होती है! 🎨🎶
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