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हरियाणा, पंजाब और दिल्ली जाने वालों के लिए सबसे तेज ट्रेन
छात्र युवा नागरिक रेलवे जोन संघर्ष समिति ने रेलवे के द्वारा दो माह के लिए दुर्ग-उधमपुर एक्सप्रेस को रद्द करने के निर्णय को छत्तीसगढ़ के साथ अन्याय करार दिया है। समिति का कहना है कि यह ट्रेन छत्तीसगढ़ के नागरिकों के लिए हरियाणा, पंजाब और जम्मू तक पहुंचने का सबसे तेज और सुविधाजनक साधन है। समिति ने तर्क दिया कि यदि जम्मू तवी स्टेशन पर मरम्मत कार्य चल रहा है, तो ट्रेन को पठानकोट, अंबाला, या कम से कम दिल्ली तक चलाया जा सकता है।
रेलवे प्रशासन पर भेदभावपूर्ण रवैये का आरोप
समिति ने आरोप लगाया कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे प्रशासन के लिए छत्तीसगढ़ से चलने वाली यात्री ट्रेनों को रद्द करना एक आसान कार्य बन चुका है। समिति ने कहा कि जहां कहीं भी थोड़ी सी समस्या आती है, छत्तीसगढ़ की अति महत्वपूर्ण ट्रेनों को बिना किसी वैकल्पिक योजना के रद्द कर दिया जाता है। दुर्ग-उधमपुर एक्सप्रेस, जो सप्ताह में केवल दो दिन चलती है, छत्तीसगढ़ के नागरिकों के लिए हरियाणा, पंजाब और जम्मू तक के लिए सबसे तेज विकल्प है।
दूसरी ओर, छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस, जो अमृतसर तक जाती है, धीमी गति की ट्रेन होने के कारण यात्रियों को नागपुर होकर लंबा रास्ता तय करना पड़ता है। इस ट्रेन से यात्रा करने में 10 से 12 घंटे अधिक लगते हैं। ऐसी स्थिति में दुर्ग-उधमपुर एक्सप्रेस छत्तीसगढ़ वासियों के लिए उत्तर भारत जाने का सबसे सहज और तेज साधन है। समिति ने कहा कि यह ट्रेन लगातार पैक चलती है, जिससे इसकी लोकप्रियता और उपयोगिता स्पष्ट है।
जम्मू में काम, तो ट्रेन दिल्ली तक चलनी चाहिए
समिति ने रेलवे के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर जम्मू तवी स्टेशन पर मरम्मत कार्य हो रहा है, तो इस ट्रेन को पठानकोट जंक्शन तक चलाया जा सकता है। यदि यह भी संभव नहीं है, तो अंबाला या कम से कम दिल्ली तक इस ट्रेन को हर हाल में चलाया जाना चाहिए। समिति ने कहा कि दिल्ली सफदरजंग स्टेशन पर ट्रेन रैक को खड़ा करने के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध है और यह ट्रेन दिल्ली सफदरजंग होकर ही जाती है।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इस ट्रेन के यात्रियों ने पहले से आरक्षण कर रखा था। ट्रेन को रद्द करने के फैसले से इन यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में भारी असुविधा का सामना करना पड़ेगा।
केंद्रीय मंत्री से हस्तक्षेप की मांग
समिति ने यह भी कहा कि पहली बार बिलासपुर से केंद्र सरकार में मंत्री बनने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि रेलवे प्रशासन इस तरह के तुगलकी निर्णय नहीं लेगा। लेकिन आज भी वही परंपरा जारी है। समिति ने केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू से तुरंत इस मामले पर ध्यान देने और रेल मंत्रालय में उचित कार्रवाई करने की मांग की।
ट्रेन को रद्द करने के बजाय सीमित दूरी तक चलाने की मांग
छात्र युवा नागरिक रेलवे जोन संघर्ष समिति ने एक बार फिर मांग की है कि दुर्ग-उधमपुर एक्सप्रेस को पूरे रास्ते में रद्द करने के बजाय अधिकतम गंतव्य दूरी तक चलाया जाए। उन्होंने कहा कि यह ट्रेन छत्तीसगढ़ के नागरिकों के लिए केवल एक यात्रा का साधन नहीं है, बल्कि उत्तर भारत के साथ जुड़ाव का अहम माध्यम भी है।
स्थानीय निवासियों की असुविधा पर चिंता
रेलवे के इस निर्णय से स्थानीय नागरिकों और यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। समिति ने कहा कि लोग इस ट्रेन से कई दिनों पहले आरक्षण करते हैं और अपनी यात्रा योजनाएं बनाते हैं। ऐसे में इस ट्रेन का रद्द होना छत्तीसगढ़ के यात्रियों के लिए एक बड़ा झटका है।

समिति की सिफारिश: ट्रेन संचालन में सुधार करें
समिति ने कहा कि रेलवे को इस तरह के तुगलकी निर्णय लेने से पहले छत्तीसगढ़ के यात्रियों की आवश्यकताओं और कठिनाइयों को ध्यान में रखना चाहिए। दुर्ग-उधमपुर एक्सप्रेस को पूरी तरह रद्द करने के बजाय, इसे सीमित दूरी तक चलाना चाहिए, ताकि यात्रियों को कम से कम गंतव्य तक पहुंचने में सहायता मिल सके।
छत्तीसगढ़ वासियों के लिए यह ट्रेन केवल एक साधारण यात्रा का साधन नहीं, बल्कि उत्तर भारत से जुड़ाव का अहम सेतु है। रेलवे प्रशासन से इस ट्रेन के रद्दीकरण पर पुनर्विचार करने की मांग की गई है।
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