
👇 खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं
छत्तीसगढ़ में 2161 करोड़ रुपये के चर्चित शराब घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच तेज़ हो गई है। इसी कड़ी में, जेल में बंद छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री कवासी लखमा के बेटे हरीश लखमा को आज ईडी ने पूछताछ के लिए तलब किया। हरीश अपने वकील के साथ ईडी कार्यालय पहुंचे, जहां उनसे घोटाले से संबंधित सवाल-जवाब किए जा रहे हैं।
मामले की पृष्ठभूमि:
15 जनवरी को ईडी ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें 21 जनवरी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। अब 5 फरवरी को दोबारा उनकी पेशी होगी।
क्या है शराब घोटाला?
ईडी की जांच के मुताबिक, 2019 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ में शराब दुकानों पर नकली होलोग्राम लगाकर अवैध शराब बेची गई। इस घोटाले की वजह से सरकारी राजस्व को भारी नुकसान हुआ। नकली होलोग्राम बनाने के लिए नोएडा स्थित PHSE कंपनी को टेंडर दिया गया था, जो इसके लिए पात्र नहीं थी। टेंडर दिलाने के बदले कथित रूप से भारी कमीशन लिया गया।
बड़े नामों की संलिप्तता:
घोटाले में गिरफ्तार कंपनी के मालिक विधु गुप्ता ने कांग्रेस सरकार के तहत सीएसएमसीएल के एमडी अरुणपति त्रिपाठी, बिजनेसमैन अनवर ढेबर, और अनिल टुटेजा का नाम लिया। 2024 के अंत में इस मामले में कवासी लखमा का नाम सामने आया, जिन पर हर महीने घोटाले की रकम से कमीशन लेने का आरोप है।
28 दिसंबर को छापेमारी:
बीते साल 28 दिसंबर को ईडी ने कवासी लखमा के रायपुर स्थित घर समेत कई जगहों पर छापा मारा। इस दौरान उनके बेटे हरीश लखमा और नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू के घर भी तलाशी ली गई। कवासी लखमा ने इन आरोपों पर कहा था कि वे अनपढ़ हैं और अधिकारियों के कहने पर दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करते थे।

ईडी को मिले अहम सुराग:
ईडी ने 2 जनवरी को बताया कि छापेमारी के दौरान घोटाले से जुड़े नकद लेन-देन, डिजिटल डिवाइस और अन्य आपत्तिजनक सबूत मिले हैं। इनका उपयोग आगे की जांच में किया जा रहा है।
यह मामला छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ हो रही कार्रवाई में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
Discover more from VPS Bharat
Subscribe to get the latest posts sent to your email.