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रायपुर: छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाला मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया है। कोर्ट में पेशी के बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया। यह मामला राज्य में राजनीतिक हलकों में हलचल मचाने वाला है, क्योंकि लखमा पर आरोप है कि उन्होंने शराब घोटाले में हिस्सेदारी निभाई थी, जिसके चलते राज्य को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ।
लखमा ने अपनी गिरफ्तारी के बाद कहा, “मुझे राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। आगामी नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों को देखते हुए मुझपर गलत आरोप लगाए गए हैं। मैं पूरी तरह निर्दोष हूं और मुझे पूरा भरोसा है कि न्यायपालिका मेरे पक्ष में निर्णय देगी।” उन्होंने दावा किया कि उन्हें गलत तरीके से शामिल किया गया और आरोपों का कोई आधार नहीं है। उनका कहना था, “जो हो रहा है, वह पूरी तरह से गलत है, और मुझे साजिश के तहत फंसाया जा रहा है।”
इससे पहले, 28 दिसंबर 2024 को ED ने लखमा के रायपुर स्थित घर पर छापा मारा था और उनके करीबी रिश्तेदारों के घरों की भी तलाशी ली थी। इस दौरान, कई अहम दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस बरामद किए गए थे, जिनसे शराब घोटाले से जुड़े महत्वपूर्ण सबूत मिले थे।
ईडी के अधिकारियों ने बताया कि 2019 से 2022 तक छत्तीसगढ़ में लाइसेंसी शराब दुकानों पर नकली होलोग्राम लगाए जाते थे, ताकि अवैध शराब की बिक्री की जा सके और राज्य को राजस्व का नुकसान हो। इस घोटाले में लखमा का नाम इसलिए सामने आया क्योंकि आरोप है कि वह शराब घोटाले से हर महीने कमीशन लेते थे।

लखमा की गिरफ्तारी ने इस मामले को और तूल दे दिया है, और यह जांच अब बड़े पैमाने पर फैल चुकी है। इससे पहले, ईडी ने कांग्रेस पार्टी के कई अन्य नेताओं और व्यवसायियों को गिरफ्तार किया था, जिनका नाम इस घोटाले में सामने आया था। लखमा के खिलाफ जांच अब तक जारी है और उनकी गिरफ्तारी से जुड़ी नई जानकारी और सबूत सामने आने की संभावना है।
कवासी लखमा के समर्थकों का कहना है कि यह सब राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है, लेकिन ईडी की जांच और कोर्ट की कार्रवाई से यह मामला और गहरा होता जा रहा है। 5 फरवरी 2025 को लखमा को फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई होगी।
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