👇 खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं
सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र थमाकर 26 बेरोजगारों से 1 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करने वाले गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। सिविल लाइन पुलिस ने गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है और इनके पास से 13 लाख रुपये नकद, फर्जी नियुक्ति पत्र, फर्जी सेवा पुस्तिका और सरकारी विभागों की सील व मुहर जब्त की है।
कैसे देते थे ठगी को अंजाम?
गिरोह का मास्टरमाइंड कपिल गोस्वामी अपने साथियों के साथ मिलकर बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी का झांसा देता था। गिरोह के सदस्य विभिन्न विभागों जैसे पीडब्ल्यूडी, पुलिस विभाग, वन विभाग, शिक्षा विभाग आदि में नौकरी लगवाने का दावा करते थे। युवाओं को फर्जी नियुक्ति पत्र देकर उनसे मोटी रकम ऐंठी जाती थी।
ठगी का तरीका:
- पहचान: गिरोह सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे बेरोजगार युवकों की पहचान करता था।
- भरोसा: मुख्य आरोपी कपिल गोस्वामी अपनी ऊंची पहुंच और रसूख का झांसा देता था। वह महंगी इनोवा गाड़ी में ड्राइवर और बॉडीगार्ड के साथ घूमता था।
- फर्जी नियुक्ति पत्र: गिरोह का एक सदस्य 500 रुपये में रंगीन फर्जी नियुक्ति पत्र छपवाता था।
- झांसा: युवकों को विश्वास दिलाने के लिए गिरोह के सदस्य कपिल के सरकारी विभागों से संपर्क होने की बात कहते थे।
आरोपियों की गिरफ्तारी और सबूत
सिविल लाइन पुलिस ने पीड़ितों की शिकायत पर मामला दर्ज किया और आरोपियों को गिरफ्तार किया।
- गिरफ्तार आरोपी:
- कपिल गोस्वामी (गिरोह का मास्टरमाइंड)
- गुरु शंकर दिव्य
- पुरुषोत्तम तिवारी
- राजेंद्र पलांगे
जब्त सामान:
- 13 लाख रुपये नकद
- फर्जी नियुक्ति पत्र
- फर्जी सेवा पुस्तिका
- शासकीय विभागों की सील और मुहर
- जेल प्रहरी की वर्दी
पीड़ितों की शिकायत
चार पीड़ित युवकों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने 22 लाख रुपये गिरोह को नौकरी लगवाने के नाम पर दिए थे। फर्जी नियुक्ति पत्र मिलने के बाद उन्हें धोखाधड़ी का एहसास हुआ।
जांच और कार्रवाई
पुलिस ने गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश शुरू कर दी है। एसपी रजनेश सिंह और सीएसपी निमितेश सिंह के निर्देशन में पूरे मामले की जांच जारी है।
निष्कर्ष
यह मामला बेरोजगार युवाओं को नौकरी के नाम पर ठगने का गंभीर उदाहरण है। पुलिस ने गिरोह का भंडाफोड़ कर बड़ी सफलता हासिल की है और आगे की कार्रवाई जारी है।
Discover more from VPS Bharat
Subscribe to get the latest posts sent to your email.