Ad Image

Contact on vpsbharat24@gmail.com for your ad

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का महत्व

👇 खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है और वैकुंठ लोक की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी व्रत करने से व्यक्ति को न केवल सभी पापों से मुक्ति मिलती है, बल्कि मनवांछित फल की प्राप्ति भी होती है।

जनवरी 2025: पुत्रदा और षटतिला एकादशी

जनवरी के महीने में दो प्रमुख एकादशी व्रत हैं – पुत्रदा एकादशी और षटतिला एकादशी।

पुत्रदा एकादशी: 10 जनवरी

  • महत्व: इसे वैकुंठ एकादशी भी कहा जाता है। इस व्रत को रखने से व्यक्ति को पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
  • तिथि विवरण:
    • एकादशी की शुरुआत: 9 जनवरी सुबह 10:52 बजे।
    • समाप्ति: 10 जनवरी सुबह 8:49 बजे।
    • व्रत: 10 जनवरी 2025 को रखा जाएगा।

षटतिला एकादशी: 25 जनवरी

  • महत्व: इस व्रत से व्यक्ति को सारे पापों से मुक्ति मिलती है और आत्मिक शुद्धि होती है।
  • तिथि विवरण:
    • एकादशी की शुरुआत: 24 जनवरी शाम 5:55 बजे।
    • समाप्ति: 25 जनवरी शाम 7:01 बजे।
    • व्रत: 25 जनवरी 2025 को रखा जाएगा।

एकादशी व्रत की महिमा

धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि एकादशी व्रत का पालन करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को एकादशी व्रत की महिमा बताते हुए कहा था कि इसके पुण्य से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

पूजा-विधि और आराधना

एकादशी व्रत के दिन व्रती भगवान विष्णु की लक्ष्मी माता संग विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन व्रत रखकर ध्यान और भक्ति में लीन होने से व्रती को आत्मिक संतोष और पुण्य फल प्राप्त होता है।

ध्यान दें: एकादशी व्रत रखने वाले भक्तों को अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए और पूरे दिन भगवान विष्णु के नाम का जाप करना चाहिए।


Discover more from VPS Bharat

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Related Posts

आठ दिन की गुप्त नवरात्र साधना के लिए होगी फलदायी

माघ मास के गुप्त नवरात्र इस बार 30 जनवरी से 6 फरवरी तक विशेष शुभ योगों में आयोजित हो रहे हैं। महाकुंभ प्रयाग के पवित्र समय में शुरू हो रहे इन नवरात्रों में मां दुर्गा और 10 महाविद्याओं की साधना से मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। वसंत पंचमी और नर्मदा जयंती जैसे पर्व भी इस दौरान मनाए जाएंगे। तंत्र साधना और मंत्र जाप से सुख-शांति, संतान सुख, और आर्थिक समस्याओं का समाधान पाने का यह उत्तम अवसर है।

MahaKumbh 2025: छत्तीसगढ़ से अजय निषाद की 600 किलोमीटर की स्केटिंग यात्रा, महाकुंभ मेला में श्रद्धा और साहस की अद्भुत मिसाल

अजय ने अपनी यात्रा के दौरान न केवल अपने शौक को पूरे किया, बल्कि अपने हौसले और समर्पण से यह साबित किया कि उत्साह और श्रद्धा के बीच कोई दूरी नहीं होती। स्केटिंग के प्रति उनकी दीवानगी और महाकुंभ के प्रति श्रद्धा ने उन्हें इस अद्भुत यात्रा पर भेजा, जो न सिर्फ एक शारीरिछत्तीसगढ़ के छोटे से गांव सकरेली से अजय निषाद ने महाकुंभ मेला तक अपनी अद्भुत यात्रा शुरू की है। 600 किलोमीटर की स्केटिंग यात्रा के दौरान अजय का उद्देश्य केवल अपनी स्केटिंग की दीवानगी को नहीं, बल्कि आध्यात्मिक साधना को भी पूरी श्रद्धा से अर्पित करना था। इस साहसिक और आध्यात्मिक यात्रा में अजय ने न सिर्फ स्केटिंग के अपने जुनून को चुनौती दी, बल्कि एक महान धार्मिक आयोजन का हिस्सा बनने के लिए अपनी पूरी शक्ति लगा दी। अजय की यह यात्रा न केवल उनकी मेहनत और समर्पण की मिसाल है, बल्कि यह लाखों श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।क चुनौती थी, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव भी था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *