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परिवार में एकता की अहमियत: श्रीमद देवी भागवत कथा के सातवें दिन विचार

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श्री कृष्णा कॉम्प्लेक्स में आयोजित कथा का सातवां दिन
बिलासपुर के श्री कृष्णा कॉम्प्लेक्स, सीपत रोड सरकंडा में समाजसेवी गौरव और शिल्पी तिवारी परिवार द्वारा आयोजित नौ दिवसीय श्रीमद देवी भागवत कथा के सातवें दिन मानस चिंतक पंडित अरुण दुबे जी महाराज ने परिवार और उसके महत्व पर गहन विचार प्रस्तुत किए।


परिवार: कर्मों का प्रतिबिंब

पंडित अरुण दुबे जी ने कहा कि परिवार हमें पूर्व जन्म के कर्मों का परिणाम स्वरूप मिलता है। अच्छे कर्मों का फल हमें एक अच्छे परिवार के रूप में प्राप्त होता है। उन्होंने समझाया कि जब परिवार के लोग एक-दूसरे से यह कहने लगें, “तुमने हमारे लिए क्या किया?” तो इसे परिवार में विघटन का संकेत मानना चाहिए। इसके विपरीत, यदि परिवार के सदस्य यह कहें, “मैं आपके लिए क्या कर सकता हूं?” तो यह एकजुटता और स्नेह का प्रतीक होता है।


श्रीमद देवी भागवत: जीवन का दर्पण

पंडित जी ने श्रीमद देवी भागवत को एक दर्पण की संज्ञा दी, जिसमें जीवन के सभी पहलुओं का प्रतिबिंब दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि इस ग्रंथ के अध्ययन से वर्तमान समय की समझ बढ़ती है और यह व्यक्ति को जीवन में उचित मार्गदर्शन प्रदान करता है। उन्होंने यह भी बताया कि देवी भागवत सुनने और माता जगदम्बा की पूजा करने से व्यक्ति की सात पीढ़ियां समस्याओं से मुक्त होकर उत्तम कुल में जन्म लेती हैं।


श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

कथा के सातवें दिन श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक था। उपस्थित श्रद्धालु कथा के दौरान झूमते और भक्ति में लीन नजर आए।


विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति

रविवार को आयोजित इस कथा में कई सम्मानित अतिथियों ने भाग लिया, जिनमें कसडोल की पूर्व विधायक शकुंतला साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान, वरिष्ठ कांग्रेस नेता शैलेश नितिन त्रिवेदी, हाईकोर्ट अधिवक्ता निरुपमा वाजपेई, और बिलासपुर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष ज्ञान अवस्थी प्रमुख थे। इसके अलावा, कांग्रेस के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी राजेंद्र साहू (डब्बू), राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, कर्मचारी, और विभिन्न हिंदू संगठनों के सदस्य भी परिवार सहित उपस्थित रहे।


आध्यात्मिकता का संदेश

कथा के दौरान पंडित अरुण दुबे जी ने देवी भागवत को सुनने के लाभ और परिवार में एकता बनाए रखने के महत्व को दोहराया। इस दौरान उन्होंने परिवार के सदस्यों को एक-दूसरे के प्रति सहयोग और स्नेह बनाए रखने की प्रेरणा दी।


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