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बिलासपुर। गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर के समाज कार्य विभाग द्वारा इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ मैनेजमेंट और ब्रिसबेन इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रेंथ-बेस्ड प्रैक्टिस, ऑस्ट्रेलिया के सहयोग से दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन “एक सकारात्मक समाज और राष्ट्र के निर्माण की ओर” का आयोजन 7-8 फरवरी को संपन्न हुआ।
इस प्रतिष्ठित सम्मेलन में जर्मनी, मालदीव, श्रीलंका, कनाडा, केन्या, नेपाल सहित विभिन्न देशों के प्रख्यात शिक्षाविद, सामाजिक वैज्ञानिक और विचारकों ने भाग लिया। इस सम्मेलन का उद्देश्य शैक्षिक संस्थानों की भूमिका, सकारात्मक समाज निर्माण और राष्ट्रीय विकास पर विचार-विमर्श कर उपयोगी प्रस्ताव प्रस्तुत करना था।
सम्मेलन की भव्य शुरुआत
उद्घाटन सत्र की शुरुआत “स्ट्रेंथ-बेस्ड प्रैक्टिस फॉर सोशल वर्क एंड ह्यूमन सर्विसेज” पर आधारित पांच दिवसीय GIAN पाठ्यक्रम के समापन के बाद हुई।
मुख्य अतिथि प्रो. अमित कुमार सक्सेना ने माननीय कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल का प्रतिनिधित्व करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर प्रो. रंजना सेहगल (उपाध्यक्ष, भारतीय समाज कार्य परिषद) मुख्य वक्ता रहीं।
विशिष्ट अतिथि डॉ. डब्ल्यू. जी. प्रसन्ना कुमार (वरिष्ठ सामाजिक वैज्ञानिक, तेलंगाना राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) थे।
अन्य गणमान्य अतिथियों में शामिल थे:
- प्रो. ए. एस. रानाडिवे (रजिस्ट्रार, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय)
- प्रो. शैलेंद्र कुमार (छात्र कल्याण अधिष्ठाता)
- प्रो. आर. के. प्रधान (अधिष्ठाता, समाज विज्ञान संकाय)

सम्मेलन की संयोजिका डॉ. अर्चना यादव ने उद्देश्यों पर प्रकाश डाला, जबकि स्वागत भाषण डॉ. सस्मिता पटेल (सामाजिक कार्य विभाग प्रमुख) ने दिया।
प्रमुख आकर्षण
- प्रो. रंजना सेहगल का उद्घाटन व्याख्यान
- उनकी नई पुस्तक का विमोचन
- डॉ. प्रसन्ना कुमार का प्रेरणादायक संबोधन, जिसमें उन्होंने युवाओं से देश के प्रति समर्पण और सामाजिक दायित्व निर्वहन का आह्वान किया
कार्यक्रम का समापन डॉ. संदीप कुमार मोरिशेट्टी के आभार प्रदर्शन और राष्ट्रीय गान के साथ हुआ।
सम्मेलन के सत्र और चर्चाएँ
सम्मेलन में 8 तकनीकी और 2 प्लेनरी सत्र आयोजित किए गए, जिनमें समाज सुधार और राष्ट्रीय विकास से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई:
- समाज कार्य और सामाजिक विज्ञान की भूमिका
- सामाजिक परिवर्तन के लिए दृष्टिकोण और हस्तक्षेप
- असमानता और सामाजिक न्याय पर रणनीतियाँ
- सशक्त युवाओं के माध्यम से सामाजिक बदलाव
- सतत विकास में सामाजिक कार्य की भूमिका
सम्मेलन में 100+ प्रतिभागियों ने भाग लिया, और 50+ शोध पत्रों का वाचन किया गया।
सम्मेलन के प्रमुख वक्ता
इस प्रतिष्ठित आयोजन में कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय विद्वानों ने अपने विचार प्रस्तुत किए, जिनमें प्रमुख थे:
- डॉ. वी.एन. कांथा राव (पूर्व डीन, आईएसएबीएस, नई दिल्ली)
- डॉ. सोजन एंटनी (अतिरिक्त प्रोफेसर, निम्हांस, बेंगलुरु)
- टी. सुमालिनी (हैदराबाद विश्वविद्यालय)
- सुश्री सारा टंडेल (मुम्बई)
- डॉ. हरिंदर मेखला (मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय, हैदराबाद)
- सुश्री जीनत शाकिर (मालदीव नेशनल यूनिवर्सिटी)
- प्रो. गंगा भूषण मोलनकल (नागपुर विश्वविद्यालय)
- माइकल बार्फस और श्री फ़ाहिमउद्दीन (सेकंड ब्रिज एनजीओ, जर्मनी)
उल्लेखनीय उपलब्धि
सम्मेलन ने सामाजिक विज्ञान और समाज कार्य में शोध और विचार-विमर्श के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया। विभिन्न देशों के विशेषज्ञों की सहभागिता ने इसे वैश्विक संवाद का केंद्र बना दिया, जिससे सकारात्मक समाज और राष्ट्र निर्माण की दिशा में नए दृष्टिकोण उभरकर आए।
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