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महाकुंभ मेला, जो दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, इस समय प्रयागराज में हो रहा है, जहां लाखों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं। इस विशाल आयोजन में एक व्यक्ति की यात्रा ने सभी का ध्यान आकर्षित किया है – अजय निषाद, जो छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले के सकरेली गांव से महाकुंभ मेला तक स्केटबोर्ड पर 600 किलोमीटर की यात्रा पर निकले हैं। अजय का मानना है कि यह धार्मिक यात्रा उनके स्केटबोर्डिंग के जुनून और श्रद्धा को एक साथ जोड़ने का एक बेहतरीन अवसर है।
600 किलोमीटर की स्केटिंग यात्रा: अजय का अनूठा अनुभव

अजय निषाद, जो स्केटबोर्डिंग के शौकीन हैं, ने महाकुंभ मेला तक अपनी यात्रा को एक स्केटिंग चुनौती के रूप में लिया। उन्होंने रोजाना लगभग 80 से 100 किलोमीटर की दूरी स्केटबोर्डिंग करके तय की, और यात्रा के दौरान रुकने के लिए होटल और लॉज का सहारा लिया। यह यात्रा अजय के लिए सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि उनके स्केटबोर्डिंग के प्रति समर्पण को भी व्यक्त करने का तरीका बन गई है।
रास्ते की कठिनाइयाँ और अजय की दृढ़ता
अजय की यात्रा के दौरान कई स्थानों पर सड़कें खराब थीं, जिससे स्केटबोर्डिंग करना मुश्किल हो गया था। ऐसे में, उन्हें कभी पैदल चलना पड़ा तो कभी वाहन से यात्रा करनी पड़ी। हालांकि, अजय ने इन चुनौतियों का सामना किया और लगातार 20 से 25 किलो वजन लेकर और अपने साथ एक केसरिया ध्वज के साथ आगे बढ़ते रहे। उनका विश्वास था कि वे अपनी यात्रा पूरी करेंगे और महाकुंभ मेला में अपनी श्रद्धा अर्पित करेंगे।
यात्रा के दौरान मिली मदद: इंसानियत की पहचान
अजय को रास्ते में कई अजनबी लोग मिले, जिन्होंने उन्हें खाना, धन और प्रोत्साहन दिया। इन लोगों के अच्छे आचरण ने अजय को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। यह अनुभव उन्हें यह याद दिलाता है कि यात्रा में इंसानियत और आपसी मदद कितनी महत्वपूर्ण होती है।
अजय की अन्य स्केटिंग यात्राएँ: शारीरिक और मानसिक तैयारी
अजय की यह 600 किलोमीटर की यात्रा पहली बार नहीं है। इससे पहले, वे छत्तीसगढ़ के विभिन्न मंदिरों तक 50 से 100 किलोमीटर स्केटबोर्डिंग कर चुके हैं। इन छोटे-छोटे सफरों ने उन्हें इस बड़ी यात्रा के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार किया।
महाकुंभ मेला एक ऐतिहासिक और विशाल धार्मिक आयोजन है, जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं। इस वर्ष, अनुमानित 45 करोड़ लोग इस मेले में भाग लेंगे। अजय की यात्रा इस आयोजन का एक प्रतीक बन गई है, जो यह दिखाता है कि कैसे व्यक्ति अपनी व्यक्तिगत रुचियों और धार्मिक आस्थाओं को एक साथ जोड़ सकता है।
अजय निषाद की यात्रा: एक प्रेरणास्त्रोत
अजय की यह स्केटिंग यात्रा न केवल उनके स्केटबोर्डिंग के प्रति प्रेम को दर्शाती है, बल्कि यह एक अद्वितीय धार्मिक यात्रा भी है। यह उनके समर्पण, विश्वास और कठिन मेहनत का प्रतीक है, और यह दूसरों को प्रेरित करती है कि वे अपनी आस्था और रुचियों को एक साथ जोड़कर किसी भी यात्रा को पूरा कर सकते हैं।
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