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महाकुंभ मेला 2025 के दौरान मौनी अमावस्या के शुभ अवसर पर संगम तट पर अचानक भगदड़ जैसी स्थिति बन गई, जिसमें लगभग 30 महिलाएं घायल हो गईं। इस घटना के चलते 13 अखाड़ों ने अपना अमृत स्नान रद्द कर दिया।
प्रधानमंत्री की कड़ी नजर, मुख्यमंत्री से दो बार बातचीत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पूरे घटनाक्रम पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने एक घंटे के भीतर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से दो बार फोन पर बात की और महाकुंभ मेले की स्थिति का जायजा लिया। वहीं, ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मी स्थिति को सामान्य करने में जुटे हुए हैं, और कुछ स्थानों पर स्नान दोबारा शुरू हो चुका है।
कैसे हुई भगदड़?

मेले के लिए विशेष कार्य अधिकारी आकांक्षा राणा ने कहा,’संगम में बैरियर्स टूटने के बाद कुछ लोग घायल हो गए हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हमें अभी तक घायलों की सही संख्या नहीं मिली है.’ जबकि कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि महाकुंभ ये भगदड़ एक खंभा टूटने के बाद मची है. कुछ लोगों का कहना है कि संगन नोज पर अचानक भीड़ बढ़ने की वजह से एक खंभा टूटकर गिर गया था, जिसमें कुछ लोग जख्मी भी हुए थे. खंभा गिरने के बाद वहां मौजूद श्रद्धालुओं में थोड़ी हरकत देखने को मिली. जिसके बाद ये हालात पैदा हुए.
चश्मदीद का बयान: “बचने का कोई मौका नहीं था”

घटनास्थल पर मौजूद सरोजनी नामक महिला ने अपनी आपबीती साझा करते हुए बताया, “हम 60 लोगों के एक समूह के साथ बस से आए थे। हमारे नौ लोगों का एक छोटा दल संगम तट पर था, तभी अचानक भीड़ में धक्का-मुक्की शुरू हो गई। देखते ही देखते कई लोग गिर पड़े और भीड़ बेकाबू हो गई। वहां से निकलने का कोई मौका नहीं था, क्योंकि हर तरफ से धक्का दिया जा रहा था।”
मेले में भीड़ का दबाव कम होने लगा

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि अब भीड़ धीरे-धीरे कम हो रही है, और मेला प्रशासन के साथ इस विषय पर चर्चा की जा रही है। उन्होंने कहा, “अगर स्थिति सामान्य होती है, तो हम स्नान करेंगे। हमने मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान स्थगित कर दिया था, लेकिन अब प्रयास कर रहे हैं कि हालात ठीक हों और फिर मेला प्रशासन से बात कर स्नान किया जाए।”
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