तनावमुक्त जीवन के लिए सकारात्मक परिवर्तन जरूरी – बीके स्वाति दीदी

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सिम्स हॉस्पिटल में आयोजित कार्यक्रम में 200 से अधिक विद्यार्थियों को मिला तनाव प्रबंधन का ज्ञान


प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की राजयोग भवन, बिलासपुर की संचालिका बीके स्वाति दीदी ने कहा कि जीवन में सकारात्मक परिवर्तन और मानसिक स्वच्छता से तनावमुक्त जीवन संभव है।

वे छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स हॉस्पिटल) में “तनाव प्रबंधन” विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। इस कार्यक्रम में एम.बी.बी.एस. स्नातक, स्नातकोत्तर (एम.डी./एम.एस.) के छात्र-छात्राओं, इंटर्न और चिकित्सा शिक्षकों ने भाग लिया।


मन की स्वच्छता पर दें ध्यान

बीके स्वाति दीदी ने कहा, “हम अपने शरीर, घर और कपड़ों की सफाई नियमित रूप से करते हैं, लेकिन मन की सफाई को नजरअंदाज कर देते हैं। मन में आने वाले नकारात्मक विचार धीरे-धीरे हमें कमजोर कर देते हैं।”

उन्होंने कहा कि आज के समय में लोग छोटी-छोटी बातों पर तनावग्रस्त हो जाते हैं। “तनाव शब्द” जो कभी विज्ञान की भाषा तक सीमित था, आज हमारी जिंदगी का हिस्सा बन गया है।


तनाव का कारण और परिणाम

स्वाति दीदी ने बताया कि तनाव हमारे गलत विचारों का परिणाम है। जब हम उन चीजों पर नियंत्रण करने की कोशिश करते हैं, जिन पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं होता, तब तनाव जन्म लेता है।

तनाव के दुष्प्रभाव:

  1. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर।
  2. मेमोरी और निर्णय लेने की क्षमता में कमी।
  3. कार्य प्रदर्शन में गिरावट।

उन्होंने कहा, “आंतरिक शक्तियों के कमजोर होने से छोटी-छोटी बातें भी हमें बड़ा तनाव दे सकती हैं।”


तनावमुक्त जीवन के लिए समाधान

स्वाति दीदी ने तनाव से मुक्ति के लिए आध्यात्मिकता, सकारात्मक परिवर्तन और नियमित मैडिटेशन को अपनाने की सलाह दी। उन्होंने सरल तरीकों से मैडिटेशन की तकनीक सिखाई और बताया कि किस प्रकार जीवन में आध्यात्मिकता शामिल करके मानसिक शांति प्राप्त की जा सकती है।


कार्यक्रम का शुभारंभ और सम्मान

कार्यक्रम का शुभारंभ सिम्स के डीन डॉ. रामनेश मूर्ति के मार्गदर्शन में माँ सरस्वती की प्रतिमा में माल्यार्पण के साथ हुआ।

  • स्वागत समारोह:
    • डॉ. सागरिका प्रधान ने बीके स्वाति दीदी को पौधा भेंट किया।
    • डॉ. मधुमिता मूर्ति ने शॉल ओढ़ाकर उनका सम्मान किया।

कार्यक्रम में डॉ. हेमलता ठाकुर, डॉ. प्रशांत निगम, डॉ. विनोद टंडन, डॉ. समीक्षा, डॉ. एस. अग्रवाल, बीके संतोषी दीदी समेत फैकल्टी, स्टाफ और 200 से अधिक छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।


मंच संचालन और समापन

कार्यक्रम का कुशल मंच संचालन मेडिकल लैब टेक्नीशियन शिरोमणि नायक ने किया। अंत में डॉ. हेमलता ठाकुर ने बीके स्वाति दीदी को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।


जीवन में अपनाएँ आध्यात्मिकता और मैडिटेशन

स्वाति दीदी ने संदेश दिया कि आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलते हुए अपने मन को शक्तिशाली बनाना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। नियमित रूप से कुछ समय मैडिटेशन करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा और हम तनावमुक्त जीवन जी सकेंगे।


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