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केरल हाईकोर्ट के 73 वर्षीय रिटायर्ड जज ससीधरन नाम्बियार दिसंबर 2024 में “आदित्य बिड़ला इक्विटी लर्निंग” नामक एक व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल हुए। उन्हें यह ग्रुप शेयर मार्केट ट्रेडिंग से संबंधित लगा। 30 दिसंबर तक ग्रुप में 850% मुनाफे का दावा किया गया, जिससे प्रभावित होकर उन्होंने आयाना जोसेफ और वर्षा सिंह द्वारा साझा किए गए लिंक पर 90 लाख रुपये का निवेश कर दिया।
हालांकि, यह निवेश उनके लिए भारी पड़ गया। जब उन्हें मुनाफा तो दूर, उनकी राशि तक वापस नहीं मिली, तो उन्हें समझ आया कि यह एक ठगी थी। इसके बाद उन्होंने 5 जनवरी 2025 को त्रिपुनिथुरा हिल पैलेस पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।
निवेश धोखाधड़ी कैसे होती है?
- लुभावने दावे: फर्जी ग्रुप में बड़े मुनाफे का वादा किया जाता है।
- विश्वास बनाना: नकली सदस्य नकली कहानियों और झूठे डैशबोर्ड से विश्वास जीतते हैं।
- बड़ी रकम की मांग: शुरुआत में छोटे निवेश करवाने के बाद बड़ी रकम निवेश करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
- रुपये की चोरी: निवेश प्राप्त होते ही अपराधी ग्रुप और अकाउंट डिलीट कर देते हैं।
सतर्कता ही सुरक्षा है
- ऐसे किसी भी ऑफर से बचें, जो सच होने के लिए बहुत अच्छा लगे।
- केवल प्रमाणित और SEBI-पंजीकृत संस्थाओं में ही निवेश करें।
- संदिग्ध व्हाट्सएप या टेलीग्राम ग्रुप्स को तुरंत रिपोर्ट करें।
- किसी भी निवेश योजना की जांच कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट से करें।

साइबर अपराध से बचने के उपाय
- चक्षु पोर्टल पर रिपोर्ट करें: https://sancharsaathi.gov.in/
- हेल्पलाइन पर संपर्क करें: 1930 पर कॉल करें।
- बैंक को तुरंत सूचित करें: अपनी लेन-देन की जानकारी बैंक के साथ साझा करें।
बढ़ रहे हैं साइबर अपराध के मामले
इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के मुताबिक:
- 2024 में पहली तिमाही में भारतीयों ने निवेश धोखाधड़ी के कारण 120 करोड़ रुपये का नुकसान झेला।
- 2023 में 1 लाख से ज्यादा साइबर धोखाधड़ी के मामले दर्ज हुए।
- व्हाट्सएप पर 81,000 से अधिक फर्जी निवेश ग्रुप सक्रिय हैं।
साइबर अपराधी आधुनिक तकनीक और लोगों की वित्तीय आकांक्षाओं का फायदा उठाते हुए लोगों को फर्जी योजनाओं में फंसा रहे हैं। ऐसे में जागरूक रहना बेहद जरूरी है।
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