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वृद्धाश्रम में किया भोजन वितरण
बिलासपुर की अग्रणी समाजसेवी संस्था, साधु वासवानी सेंटर ने अपने निस्वार्थ सेवा कार्यों की एक और मिसाल पेश की। ठंड के मौसम में जहां अधिकांश लोग नए वर्ष और छुट्टियों का आनंद लेने में व्यस्त थे, वहीं संस्था के सदस्यों ने वृद्धाश्रम का रुख किया।
संस्था प्रमुख सपना कलवानी ने बताया कि स्वयं के हाथों से घर में बने शुद्ध शाकाहारी भोजन का वितरण किया गया। इसमें दाल, चावल, आलू बैंगन की सब्जी, रोटियां, केला और खीर शामिल थे। वृद्धाश्रम के निवासियों ने इस भोजन को ग्रहण कर अपनी तृप्ति और आभार व्यक्त किया। उनकी मुस्कान और दुआएं संस्था के सदस्यों को प्रेरणा और संतुष्टि प्रदान करती हैं।
रेलवे स्टेशन पर जरूरतमंदों को भी परोसा भोजन
सेवा का यह सिलसिला वृद्धाश्रम तक ही सीमित नहीं रहा। इसके बाद संस्था के सदस्य बिलासपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे, जहां उन्होंने जरूरतमंदों को भी घर का बना हुआ शुद्ध भोजन वितरित किया। उनकी प्रसन्नता और चेहरे की मुस्कान से सभी सदस्य प्रफुल्लित हुए।
संस्था के सभी सदस्यों ने तन, मन और धन से सेवा में अपना योगदान दिया। यह निस्वार्थ सेवा साधु वासवानी सेंटर की समर्पित भावना को दर्शाता है।
सेवा में समर्पण: “दिल में जज्बा, हाथों में सेवा”
साधु वासवानी सेंटर, बिलासपुर, हर मौसम और परिस्थिति में समाज की सेवा के लिए तत्पर रहता है। संस्था के सदस्यों का यह समर्पण दिखाता है कि सच्चा इंसान वही है, जो दूसरों के लिए जिए।
संस्था के सदस्यों का मानना है कि जब समाज और जरूरतमंदों की सेवा का मौका हो, तब आत्मिक संतोष सबसे बड़ा पुरस्कार होता है। साधु वासवानी जी की विचारधारा को साकार करते हुए, यह संस्था समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
संदेश: “सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं”
साधु वासवानी सेंटर का यह निस्वार्थ सेवा कार्य सभी के लिए प्रेरणा है। यह दिखाता है कि सेवा और समर्पण के माध्यम से समाज में बदलाव संभव है। संस्था का संदेश है कि “सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं।”
समाजसेवा का यह जज्बा साधु वासवानी सेंटर की असली पहचान है।
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