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मिनोचा कॉलोनी में हुआ आयोजन, समाज के लोगों ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा
भारतीय सिंधु सभा और पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत के द्वारा लाल लोई पर्व का आयोजन मिनोचा कॉलोनी, मंगला में भव्य रूप से किया गया। इस आयोजन में बड़ी संख्या में सिंधी समाज के लोग शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत ईष्ट आराधना से की गई, जिसमें भक्ति गीतों की मनमोहक प्रस्तुति भारती पमनानी द्वारा दी गई।
भजन और अंताक्षरी से सजी शाम
लाल लोई के उत्सव में भजन गायन के साथ-साथ अंताक्षरी का आयोजन भी किया गया। इसमें समाज के सदस्यों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान सिंधी लाडो की विशेष प्रस्तुति दी गई, जिसमें रानी ने प्रमुख भूमिका निभाई।
अग्नि पर अर्पण और विशेष प्रार्थना
लाल लोई के अवसर पर आग में मुर्रा, तिल, बेर, और रेवड़ी अर्पित की गई। इस पवित्र अनुष्ठान के दौरान समाज ने कई महत्वपूर्ण संकल्प लिए।
- नवजात बच्चों के लिए ईश्वर की कृपा बनी रहे।
- अस्पताल में अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रहे मरीज स्वस्थ होकर अपने परिवार में वापस लौटें।
- अनाथ बच्चों को माता-पिता का प्यार और सम्मान मिले।
- बेरोजगारों को रोजगार प्राप्त हो।
- जिन घरों में अशांति है, वहां रिश्ते सुधरकर आपसी प्रेम बढ़े।
महिलाओं और युवाओं को जोड़ने का प्रयास
पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत की अध्यक्ष कविता मंगवानी ने बताया कि लाल लोई का आयोजन हर साल किया जाता है। इसका उद्देश्य महिलाओं और युवा पीढ़ी को आपस में जोड़ना है। इस आयोजन में बड़ी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया और इसे सफल बनाया।

आध्यात्मिक रहस्य और सीख
भारतीय सिंधु सभा महिला शाखा की राष्ट्रीय अध्यक्ष विनीता भावनानी ने लाल लोई की पूजा का आध्यात्मिक रहस्य समझाया। उन्होंने बताया कि पूजा सामग्री में शामिल तिल, गुड़, बेर, नारियल, धान, और चावल का जीवन से गहरा संबंध है।
- तिल: आत्मा का प्रतीक है, और यह सिखाता है कि हमें दानशील बनना चाहिए।
- गुड़: मीठा बोलने और मीठा व्यवहार रखने का संकेत देता है।
- बेर: बैर न रखने की शिक्षा देता है।
- धान और नारियल: अहंकार को त्यागने का प्रतीक हैं।
- चावल: जीवन में सादगी, पवित्रता, और स्वच्छता बनाए रखने का संदेश देता है।
समाज के हित के लिए संकल्प
विनीता भावनानी ने कहा कि लाल लोई के दिन पूरे वर्ष हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगी जाती है। साथ ही, सभी को एक ऐसा संकल्प लेने के लिए प्रेरित किया गया जो उनके जीवन, समाज, या देश के हित में हो।
आयोजन में शामिल हुए प्रमुख सदस्य
इस कार्यक्रम में कंचन मलघानी, राजकुमारी मेहानी, गरिमा सहानी, सोनी बहारानी, भारती सचदेव, नीलू गिडवानी, दीपा सचदेव, ट्विंकल आडवाणी, दया मंगवानी, माया बहारानी, मीना माधवानी, विमला उबरानी, दीपा आहूजा, रानी बजाज, प्राची भक्तानी, सीमा टेकवानी सहित कई प्रमुख समाजसेवी महिलाएं शामिल हुईं।
समाज और संस्कृति को सहेजने का प्रयास
लाल लोई का यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था को प्रकट करता है, बल्कि समाज में एकता, सादगी, और परोपकार की भावना को भी प्रोत्साहित करता है। सिंधी समाज द्वारा इस तरह के कार्यक्रम न केवल परंपराओं को जीवित रखते हैं, बल्कि नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति से जोड़ने का भी कार्य करते हैं।
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