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कोरिया, छत्तीसगढ़।
प्राकृतिक सुंदरता और शांति के लिए मशहूर अमृतधारा जलप्रपात मंगलवार को एक मर्मांतक हादसे का गवाह बना। छुट्टी का दिन बिताने पहुंचे साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) के दो कर्मचारी तेज बहाव और गहराई का शिकार हो गए, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
हादसे के बाद पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने तुरंत बचाव का प्रयास किया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
तेलंगाना और मध्यप्रदेश के थे मृतक कर्मचारी
प्राप्त जानकारी के अनुसार, हल्दीबाड़ी कॉलरी में कार्यरत कुल आठ कर्मचारी अमृतधारा जलप्रपात घूमने आए थे। मृतकों की पहचान तेलंगाना और मध्यप्रदेश के रहने वाले कर्मचारियों के रूप में हुई है। दोनों ने गहरे पानी में उतरने का प्रयास किया था, लेकिन तेज बहाव और अनजान गहराई ने उनकी जान ले ली।
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन और बचाव दल मौके पर पहुंचा और रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर दोनों शवों को पानी से बाहर निकाला। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और परिजनों को सूचित किया जा चुका है।
सुरक्षा उपायों पर होगा पुनर्विचार

अधिकारियों के अनुसार, यह हादसा जलप्रपात के गहरे हिस्से में उतरने और पानी के बहाव का अनुमान न लग पाने के कारण हुआ। इस दुखद घटना के बाद प्रशासन ने पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर नए उपाय करने की बात कही है।
हर साल अमृतधारा जलप्रपात गर्मी की छुट्टियों में सैकड़ों सैलानियों को आकर्षित करता है, लेकिन यह घटना एक बार फिर यह याद दिलाती है कि प्राकृतिक स्थानों पर लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।
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