कांग्रेसियों का झगड़ा नहीं सुलझा, पूर्व महापौर को मिला कारण बताओ नोटिस

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मीटिंग में बहस और धक्कामुक्की के बाद बढ़ा विवाद

कांग्रेस भवन में बुधवार को आयोजित मीटिंग के दौरान हुए विवाद ने तूल पकड़ लिया है। शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय पांडे ने इस मामले में पूर्व महापौर राजेश पांडे को कारण बताओ नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब देने के निर्देश दिए हैं।

बैठक नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की तैयारियों को लेकर आयोजित की गई थी, जिसमें पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज की उपस्थिति में पार्टी नेताओं के बीच बहस और धक्कामुक्की तक की नौबत आ गई।


पीसीसी अध्यक्ष की मौजूदगी में हुई बहस

बैठक के दौरान पार्टी के कुछ नेताओं ने इस बात पर नाराजगी जताई कि उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा है। जैसे ही पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज बैठक समाप्त कर बाहर निकलने लगे, कुछ नेताओं ने अपनी बात रखने की कोशिश की।

इसी दौरान राजेश पांडे और अन्य नेताओं ने अपनी नाराजगी व्यक्त की। बैठक में मौजूद प्रभारी महामंत्री सुबोध हरितवाल की एक टिप्पणी पर बहस बढ़ गई और यह विवाद गाली-गलौच और धक्कामुक्की तक पहुंच गया।


शहर कांग्रेस अध्यक्ष ने जारी किया कारण बताओ नोटिस

गुरुवार को शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय पांडे ने राजेश पांडे को नोटिस जारी करते हुए कहा कि उन्होंने प्रभारी महामंत्री सुबोध हरितवाल के साथ असंसदीय भाषा का प्रयोग किया और दुर्व्यवहार किया।

नोटिस में चेतावनी दी गई है कि यदि 24 घंटे के भीतर संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो उनके खिलाफ निलंबन या निष्कासन की कार्रवाई की जाएगी।


राजेश पांडे का जवाब

नोटिस मिलने के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजेश पांडे ने कहा,
“कांग्रेस पार्टी का कार्यकर्ता अगर कांग्रेस फोरम में अपनी बात नहीं रखेगा तो कहां रखेगा? महत्वपूर्ण जिम्मेदारी लेकर आए व्यक्ति को कार्यकर्ताओं की बात सुननी चाहिए। मैं पीसीसी अध्यक्ष से बात कर रहा था, प्रभारी महामंत्री को बुरा क्यों लगा, यह समझ से परे है।”

उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें नोटिस दोपहर 2:30 बजे मिला और वे इसका जवाब देकर अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे।


नेताओं ने जताई नाराजगी

बैठक के दौरान कई नेताओं ने पार्टी की कार्यशैली पर सवाल उठाए। उनका कहना है कि हर बैठक में केवल चुनिंदा लोगों को ही बोलने का अवसर दिया जाता है। वरिष्ठ नेताओं और पूर्व जनप्रतिनिधियों को नजरअंदाज किया जा रहा है।

नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी में आम कार्यकर्ताओं की बात को अनदेखा किया जा रहा है, जिससे असंतोष बढ़ रहा है।


सामान्य नोकझोंक से शुरू हुआ विवाद बढ़ा

जिला पदाधिकारियों ने दावा किया था कि यह केवल सामान्य नोकझोंक थी और कोई बड़ा झगड़ा नहीं हुआ। लेकिन अगले ही दिन नोटिस जारी होने से पार्टी के अंदरूनी मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं।


चुनावी तैयारियों पर असर

इस विवाद के चलते नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की तैयारियों पर असर पड़ सकता है। पार्टी में गहराता असंतोष और नेताओं के बीच बढ़ती खींचतान कांग्रेस की एकता और चुनावी रणनीति पर प्रश्न खड़े कर रही है।

आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पार्टी इस विवाद को कैसे संभालती है और इसका चुनावी परिणामों पर क्या असर पड़ता है।


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