बिलासा एयरपोर्ट पर यात्रियों और कर्मचारियों के लिए बुनियादी सुविधाओं में सुधार की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। कलेक्टर अवनीश शरण, जो एयरपोर्ट के मुख्य अधिकारी भी हैं, ने एयरपोर्ट के मुख्य भवन के बाहर एक कैंटीन और टॉयलेट की आवश्यकता को स्वीकार किया।
जमीन मामले की औपचारिकताएं 12 दिसंबर को
कलेक्टर ने यह जानकारी भी दी कि 12 दिसंबर को सेना के अधिकारी एयरपोर्ट पर जमीन मामले से संबंधित औपचारिकताएं पूरी करेंगे।
एयरपोर्ट के बाहर टॉयलेट और कैंटीन की मांग पर सहमति
एयरपोर्ट पर यात्रियों को छोड़ने और लेने आए लोगों, सुरक्षाकर्मियों, और ड्राइवरों के लिए मुख्य भवन के बाहर टॉयलेट और कैंटीन की मांग को कलेक्टर ने जायज ठहराया। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षाकर्मियों को टॉयलेट के लिए मुख्य द्वार तक जाना पड़ता है, जिससे उनकी ड्यूटी प्रभावित होती है। इसके समाधान के लिए मुख्य टर्मिनल भवन के बाहर टॉयलेट निर्माण को स्वीकृति दी गई।
साथ ही, चाय, कॉफी, और स्नैक्स उपलब्ध कराने के लिए एक छोटी कैंटीन बनाने की योजना पर भी सहमति जताई गई। अभी तक ऐसी सुविधा केवल डिपार्चर हॉल में उपलब्ध है, जबकि आगमन हॉल और बाहरी क्षेत्र में कोई व्यवस्था नहीं है।
यात्रियों और टैक्सी ऑपरेटरों की समस्याएं भी हल होंगी
एयरपोर्ट पर मौजूद टैक्सी ऑपरेटरों द्वारा गाड़ियां उपलब्ध न होने और अन्य टैक्सी एवं ऑटो को प्रवेश की अनुमति न मिलने की समस्या पर कलेक्टर ने सहानुभूतिपूर्वक चर्चा की। उन्होंने इस मामले को हल करने और व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने की बात कही।
यात्रियों को डिपार्चर हॉल से विमान तक ले जाने के लिए बस सेवा उपलब्ध कराने के प्रस्ताव पर भी कलेक्टर ने सहमति जताई।
हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने रखी मांगें
हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर से मुलाकात कर एयरपोर्ट पर सुविधाओं की मांग की। वर्तमान में एयरपोर्ट के बाहर बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण यात्रियों और सुरक्षाकर्मियों को काफी परेशानी होती है। समिति ने इन समस्याओं को हल करने के लिए कलेक्टर का ध्यान आकर्षित किया।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्य
प्रतिनिधिमंडल में मनोज तिवारी, रणजीत सिंह खनूजा, रवि बनर्जी, स्वर्ण शुक्ला, देवेंद्र सिंह ठाकुर, बद्री यादव, अनिल गुलहरे, समीर अहमद, रघुराज सिंह, अमर बजाज, अकील अली, वसीम, और सुदीप श्रीवास्तव शामिल थे।
सुविधाओं के सुधार से बढ़ेगी एयरपोर्ट की उपयोगिता
कलेक्टर द्वारा इन मांगों पर सकारात्मक रुख अपनाने से एयरपोर्ट पर सुविधाओं में सुधार होगा, जिससे यात्रियों, कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों की मुश्किलें कम होंगी और एयरपोर्ट की उपयोगिता बढ़ेगी।
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