गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सभा कक्ष में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाई गई। इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने भगवान बिरसा मुंडा को नमन करते हुए उनके योगदान को स्मरण किया और सभी को जनजातीय गौरव दिवस की शुभकामनाएं दीं।
भगवान बिरसा मुंडा का योगदान
कुलपति ने अपने संबोधन में कहा:
- भगवान बिरसा मुंडा ने अपने जीवन को जनजातीय समाज के अधिकारों और उत्थान के लिए समर्पित किया।
- उन्होंने नि:स्वार्थ भाव से राष्ट्र प्रेम और राष्ट्रीय अखंडता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी।
- उनके जीवन से नेतृत्व क्षमता, संघर्षशीलता, और समन्वय का गुण सीखने की प्रेरणा मिलती है।
- बिरसा मुंडा का जीवन हर व्यक्ति के लिए यह संदेश देता है कि मानव से महामानव बनने का अवसर प्रत्येक के जीवन में आता है।
कार्यक्रम की मुख्य बातें
- संचालन: प्रो. मुकेश कुमार सिंह।
- स्वागत उद्बोधन: प्रो. प्रवीण कुमार मिश्रा।
- धन्यवाद ज्ञापन: कुलसचिव एच.एन. चौबे।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षक, छात्र, और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।
भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को प्रतिवर्ष जनजातीय गौरव सप्ताह के रूप में मनाने की परंपरा पर भी प्रकाश डाला गया।
संदेश
भगवान बिरसा मुंडा ने अपने संघर्षों और आदर्शों से केवल जनजातीय समाज ही नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र को प्रेरित किया। उनके नेतृत्व और त्याग के मूल्य आज भी प्रासंगिक हैं और समाज को एकजुट रहने का संदेश देते हैं।
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