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श्री1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान का आयोजन, सैकड़ों श्रद्धालुओं ने विश्व शांति की कामना के साथ लिया भाग

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श्री 1008 आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, क्रांतिनगर में श्री 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान का आयोजन भक्ति और उत्साह के साथ हो रहा है। प्रतिदिन सुबह 6:30 बजे से श्रद्धालु मंदिर में उपस्थित होकर मंगलाष्टक, अभिषेक, शांतिधारा और पूजा में शामिल होते हैं। आयोजन के मुख्य संरक्षक, श्री विनोद जैन ने बताया कि विधान का मुख्य उद्देश्य विश्व शांति और पुण्य की कामना है।

विधानाचार्य बाल ब्रह्मचारी मनोज भैया द्वारा प्रत्येक दिन मंत्रोच्चार और प्रवचनों का आयोजन किया जा रहा है।
इस विधान के तीसरे दिन 32 अघ्र्य चढ़ाए गए और मनोज भैया ने प्रत्येक अघ्र्य का अर्थ समझाया। उन्होंने बताया कि जैन धर्म में कर्मों का महत्व और उनके प्रभाव को समझना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सिद्धचक्र महामंडल विधान का आयोजन करने से सुख, समृद्धि और वैभव प्राप्त होता है। जैन अनुष्ठानों में इस विधान का विशेष स्थान है और यह व्यक्ति के जीवन को पुण्य और सौभाग्य से परिपूर्ण करता है।


विधान में शामिल हुए शहर के गणमान्य नागरिक

विशेष अवसर पर शहर के गणमान्य नागरिक भी विधान में शामिल हुए। जिलाधीश अवनीश कुमार शरण, पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह, और अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ए. डी. एन. वाजपेयी भी इस आयोजन में उपस्थित रहे। पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने अनुष्ठान स्थल पर सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव साझा करते हुए श्रद्धालुओं को इस धार्मिक अनुष्ठान में सहभागी बनने की शुभकामनाएँ दीं।

जिलाधीश अवनीश कुमार शरण ने जैन धर्म की तपस्या और आचरण की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह अनुष्ठान पूरे बिलासपुर शहर में शांति और प्रगति का संदेश देगा। कुलपति प्रो. वाजपेयी ने अपनी जैन धर्म के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए इसे सौभाग्य माना कि उन्हें जैनाचार्य विद्यासागर जी का सानिध्य प्राप्त हुआ है। सभी विशिष्ट नागरिकों ने आयोजन की सफलता और जैन समाज के पुण्य की अनुमोदना करते हुए विश्व शांति और सुख-समृद्धि की कामना की।


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