राज्य सरकार को ठोस कदम उठाने का आदेश
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्कूलों और सार्वजनिक स्थलों पर नशे के सामान की बिक्री को सख्ती से रोकने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस एके प्रसाद की डिवीजन बेंच ने कोटपा एक्ट (COTPA Act) के प्रावधानों का कड़ाई से पालन कराने के लिए राज्य सरकार को ठोस कदम उठाने को कहा। कोर्ट ने इस संदर्भ में राज्य के चीफ सेक्रेटरी से जवाब मांगा और प्रशासन से तत्काल प्रभावी कार्रवाई की अपेक्षा की।
सुनवाई और निर्देश
गुरुवार को हुई जनहित याचिका की सुनवाई में चीफ सेक्रेटरी ने शपथ पत्र प्रस्तुत करते हुए बताया कि प्रदेशभर में स्कूलों और सार्वजनिक स्थलों पर नशे के सामान की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लागू कर दिया गया है। जिला और स्थानीय प्रशासन को कोटपा एक्ट के सख्त अनुपालन का आदेश दिया गया है।
बिलासपुर नगर निगम को विशेष निर्देश
कोर्ट ने बिलासपुर नगर निगम के कमिश्नर को निगम सीमा के भीतर कोटपा एक्ट के पालन पर रिपोर्ट तैयार कर शपथ पत्र के साथ जवाब देने का निर्देश दिया। कोर्ट ने पूछा कि किस तरह निकाय क्षेत्र में एक्ट के प्रावधान लागू किए जा रहे हैं। इस संदर्भ में अगली सुनवाई 27 जनवरी 2025 को होगी।
निगम क्षेत्र में हो रही कार्रवाई
शासन की ओर से महाधिवक्ता ने कोर्ट को अवगत कराया कि कोटपा एक्ट के तहत बिलासपुर जिला और पुलिस प्रशासन द्वारा साझा अभियान चलाए जा रहे हैं। नियमों का उल्लंघन करने वाले दुकानदारों पर जुर्माना लगाया जा रहा है और उन्हें एक्ट का पालन कराने के लिए निर्देश दिए जा रहे हैं।
निगरानी और नियमित रिपोर्टिंग की आवश्यकता
चीफ जस्टिस ने निगम कमिश्नर को निर्देश दिया कि इस मामले की गंभीरता से निगरानी की जाए। उन्होंने जोर दिया कि निगम क्षेत्र में कोटपा एक्ट को प्रभावी ढंग से लागू करने के प्रयास लगातार जारी रखें।
निष्कर्ष: हाईकोर्ट का यह आदेश राज्य में नशे की रोकथाम के लिए एक सख्त कदम है। स्कूलों और सार्वजनिक स्थलों को सुरक्षित रखने के लिए प्रशासन को अपनी जिम्मेदारी निभाने का निर्देश दिया गया है। आगामी सुनवाई में प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।
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