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एसडीएम पीयूष तिवारी ने की कार्रवाई, कलेक्टर के निर्देश पर हुई जांच
कोनी में तालाब पर कब्जा, प्रशासन सख्त
कोनी स्थित तालाब को पाटकर खेत में बदलने वाले आरोपियों पर प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है। एसडीएम पीयूष तिवारी ने जांच के बाद दोषियों पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही सात दिन में तालाब को उसके मूल स्वरूप में लाने का आदेश दिया है।
कलेक्टर के निर्देश पर हुई तालाबों की जांच
पिछले महीने कलेक्टर अवनीश शरण ने नगर निगम क्षेत्र के तालाबों की स्थिति की जांच के निर्देश दिए थे। एसडीएम पीयूष तिवारी ने जांच कराई, जिसमें यह पता चला कि ग्राम कोनी के खसरा नंबर 126 (0.299 हेक्टेयर) पर दर्ज तालाब को पाटकर खेत में बदल दिया गया था। यह जमीन राजस्व रिकॉर्ड में ‘तालाब’ और ‘पानी के ऊपर’ मद के रूप में दर्ज थी, जिसे सामूहिक उपयोग के लिए संरक्षित किया जाना चाहिए।
जांच में हुआ कब्जे का खुलासा
एसडीएम ने तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर पाया कि व्यासनारायण पांडेय और सुरेंद्र पांडेय ने तालाब को पाटकर खेत में बदल दिया। छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 242 का उल्लंघन करते हुए सामूहिक निस्तार की इस जमीन पर कब्जा किया गया।

आरोपियों ने कबूला दोष, आदेश का पालन अनिवार्य
जांच के दौरान आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने तालाब को पाटकर खेत बनाया है। जवाब संतोषजनक न पाए जाने पर एसडीएम ने धारा 242 और 253 के तहत 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया और तालाब को सात दिन के भीतर मूल स्वरूप में लाने का निर्देश दिया।
सात दिन में आदेश का पालन न होने पर कठोर कार्रवाई की चेतावनी
एसडीएम ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि यदि सात दिन में तालाब को उसके मूल स्वरूप में नहीं लाया गया, तो दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने इसे जनता के सामूहिक हित से जुड़ा मामला बताते हुए इसे प्राथमिकता से हल करने की बात कही है।
तालाब संरक्षण पर प्रशासन का सख्त रुख
यह कार्रवाई क्षेत्र में तालाबों के संरक्षण और उनके दुरुपयोग पर रोक लगाने के प्रशासनिक प्रयासों को दर्शाती है। जनता ने प्रशासन के इस सख्त कदम की सराहना की है।