पेपरलेस कोर्ट की दिशा में महत्वपूर्ण कदम, हाईकोर्ट में दस्तावेजों के डिजिटलीकरण के लिए केंद्र की शुरुआत

बिलासपुर हाईकोर्ट ने न्यायपालिका को पेपरलेस बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए “डिजिटाइजेशन सेंटर” का शुभारंभ किया। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने इस पहल को न्याय प्रक्रिया को तेज, पारदर्शी और आधुनिक बनाने का माध्यम बताया। लंबित मामलों के दस्तावेजों को डिजिटल करके पेपरलेस कोर्ट का सपना साकार किया जाएगा, जिससे न्यायिक कार्यों में तकनीकी क्रांति आएगी।

बिलासपुर हाईकोर्ट अपडेट: सिविल जज परीक्षा के मानदंडों में बदलाव

बिलासपुर हाईकोर्ट ने सिविल जज परीक्षा के लिए बड़ा फैसला सुनाया है। अब लॉ डिग्रीधारी उम्मीदवारों को बार काउंसिल में पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होगी और वे सीधे सिविल जज परीक्षा में बैठ सकेंगे। इस फैसले से सरकारी नौकरी करने वाले लॉ डिग्रीधारी भी परीक्षा के योग्य होंगे। इसके अलावा, आवेदन की अंतिम तिथि को एक महीने के लिए बढ़ा दिया गया है, जिससे उम्मीदवारों को और अधिक समय मिल गया है। यह निर्णय उन उम्मीदवारों के लिए राहत का सबब है, जो पहले बार काउंसिल पंजीकरण की शर्त के कारण असमर्थ थे।

सुप्रीम कोर्ट ने दुख जताया- पिता का शव दफनाने व्यक्ति को शीर्ष अदालत आना पड़ा

पिता का अंतिम संस्कार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक का सफर!
एक व्यक्ति को अपने पिता का शव दफनाने की अनुमति लेने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने इस घटना पर गहरी चिंता और दुख जताते हुए इसे एक “मानवीय त्रासदी” करार दिया। जानें, इस मामले की पूरी कहानी और अदालत की अहम टिप्पणियां।

हाईकोर्ट का फैसला: गांव के कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार की अनुमति नहीं

बस्तर के दरभा क्षेत्र से संबंधित एक मामले में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने गुरुवार को एक ईसाई व्यक्ति की याचिका खारिज कर दी। इस याचिका में उसने अपने मृत पिता का अंतिम संस्कार गांव के आम कब्रिस्तान में करने के लिए अनुमति और पुलिस सुरक्षा की मांग की थी। हाईकोर्ट ने यह कहते…

सेना की ज़मीन से अवैध मुरुम खुदाई: खनिज विभाग को जांच के निर्देश

छत्तीसगढ़ के चकरभाठा तेलसरा में एयरपोर्ट के पास सेना की ज़मीन से अवैध रूप से मुरुम की खुदाई का मामला अब हाईकोर्ट तक पहुँच चुका है। कोर्ट ने खनिज विभाग को निर्देश दिया है कि वह इस मामले की जांच कर दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करे। यह मामला तब सामने आया…

बसों के किराए और सुविधाओं पर हाईकोर्ट सख्त, कैबिनेट में होगा निर्णय

प्रदेश में बदहाल रोड ट्रांसपोर्ट और सिटी बसों के मनमाने किराए पर हाईकोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की। कोर्ट ने शासन से बसों के किराए और यात्री सुविधाओं पर विस्तृत जानकारी देने को कहा। शासन ने बताया कि किराया निर्धारण का मामला कैबिनेट के विचाराधीन है और इसके लिए समय मांगा है। किराए…

हाईकोर्ट का अहम आदेश: प्रतिनियुक्ति से पहले कर्मचारी की सहमति जरूरी

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा कि किसी भी कर्मचारी या अधिकारी को एक विभाग से दूसरे विभाग में प्रतिनियुक्ति पर भेजने से पहले उसकी सहमति लेना जरूरी है। बगैर सहमति के ऐसे आदेश लागू नहीं किए जा सकते। जस्टिस एके प्रसाद की सिंगल बेंच ने राज्य शासन के आदेश पर…