Ad Image

Contact on vpsbharat24@gmail.com for your ad

मधुरम निकेतन की रंगारंग प्रस्तुति से गूंज उठा सांस्कृतिक महोत्सव

👇 खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

मधुरम निकेतन ने सांस्कृतिक महोत्सव के द्वितीय दिवस पर दी रंगारंग प्रस्तुति, “बड़े भाग्य से आए श्री राम” गीत पर गूंज उठीं तालियां

शासकीय उन्नत शिक्षा अध्ययन संस्थान के सांस्कृतिक महोत्सव के द्वितीय दिवस पर मधुरम निकेतन द्वारा एक शानदार रंगारंग प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम का आयोजन प्राचार्य प्रो. मीता मुखर्जी एवं सांस्कृतिक प्रभारी डॉ. अजिता मिश्रा के संयोजन में किया गया। इस अवसर पर प्रभारी आचार्यवृंद एन. एम. रिज़वी, डॉ. छाया शर्मा, सौरभ सक्सेना, डॉ. वन्दना रोहिल्ला, और सुश्री आशा बनाफर के मार्गदर्शन में विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां हुईं।

मां दुर्गा की स्तुति से कार्यक्रम की शुरुआत

मां दुर्गा की स्तुति से कार्यक्रम की शुरुआत
लोक नृत्य की मनोरंजक प्रस्तुतियाँ

कार्यक्रम की शुरुआत मां दुर्गा की स्तुति से की गई, जिसे रेणुका पटेल, मेघा सोनटेके, योगेन्द्र पयासी एवं उनके साथियों ने प्रस्तुत किया। इस धार्मिक प्रस्तुति ने महोत्सव की शुरुआत को भव्य और भक्तिमय बना दिया। इसके बाद राजस्थानी महिला लोक नृत्य ‘कालबेलिया’ को नीला सिदार और उनके साथियों ने मनमोहक अंदाज में पेश किया, जिसने दर्शकों का दिल छू लिया।

मिमिक्री और लोक नृत्य की मनोरंजक प्रस्तुतियाँ

अमर मलिक ने अपनी मिमिक्री के जरिए दर्शकों को हंसी से लोटपोट कर दिया। वहीं अभिषेक रात्रे और चंद्रशेखर द्वारा प्रस्तुत संबलपुरी पुरुष लोकनृत्य ‘डोंगर राजा’ ने सभी का दिल छू लिया। इस लोकनृत्य ने अपनी विशेषता और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाया। इसके बाद वेद प्रकाश पाटले ने क्लासिक तबला वादन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी वादन शैली ने संगीत प्रेमियों को अविस्मरणीय अनुभव प्रदान किया।

नाटक और भजन की प्रस्तुति ने किया प्रभावित

कार्यक्रम में ‘प्रज्ञा-अवतार’ नाटक के माध्यम से टिकम स्वर्णकार, वर्तिका जान, दीपक केरकेट्टा और अन्य कलाकारों ने प्रज्ञा और बुद्धि को सकारात्मक दिशा में लगाने के लिए प्रेरित किया। इस नाटक ने दर्शकों को सोचने पर मजबूर किया और अच्छे कर्मों की प्रेरणा दी। वहीं मीरा भजन की प्रस्तुति मेघा सोनटेके ने दी, जिसने सभी का मन मोह लिया। उनकी आवाज़ में एक दिव्य माधुर्य था, जो दर्शकों को भक्ति में डूबोने में सफल रहा।

लोकगीतों ने बनाया माहौल मनोरम

अगली प्रस्तुति के रूप में, रूपेश चंद्रा, गोविंद राम, विनय ठाकुर और अश्विनी कांत ने ‘पुन्नी के चंदा’ लोकगीत प्रस्तुत किया, जिसने दर्शकों को गुनगुनाने पर विवश कर दिया। यह लोकगीत मंच पर जीवंतता और उत्साह का संचार करने वाला था। वहीं, संगीता ठाकुर, मेघा सोनटेके और उनके साथियों द्वारा प्रस्तुत ‘बड़े भाग्य से आए श्री राम’ लोकगीत ने पूरे परिसर को राममय बना दिया और तालियों की गड़गड़ाहट से महाविद्यालय परिसर गूंज उठा। इस गीत की भक्ति से भरी प्रस्तुति ने कार्यक्रम में एक विशेष रंग भर दिया।

देशभक्ति के गीत से समापन

नाटक और भजन की प्रस्तुति ने किया प्रभावित
लोक नृत्य की मनोरंजक प्रस्तुतियाँ

कार्यक्रम के अंत में सभी प्रशिक्षार्थियों ने “साथ चलें हम, साथ रहें हम” गीत की मोहक प्रस्तुति दी, जिससे सभी दर्शक देशभक्ति के रंग में रंग गए। इस गीत ने राष्ट्रीय एकता और भाईचारे का संदेश दिया। कार्यक्रम की समाप्ति पर दर्शकों ने तालियों से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया और पूरे दिन की संगीतमय यात्रा का आनंद लिया।

आयोजन में विभिन्न प्रमुख हस्तियाँ

कार्यक्रम का संचालन विश्वनाथ यादव, सौखीलाल कुर्रे और सुशीला प्रधान ने किया। निर्णायक की भूमिका डॉ. ए. के. पोद्दार और श्रीमती सरिता आयदे ने निभाई। संगीत संयोजन कृष्णानंद चौबे, राजकुमार पाण्डेय और प्रशिक्षार्थी वेद प्रकाश पाटले ने किया। ध्वनि और प्रकाश व्यवस्था आचार्य डॉ. दुष्यंत चतुर्वेदी ने की, जबकि कलाकारों का मेकअप प्रसिद्ध मेकअप आर्टिस्ट अतुल कांत खरे और श्रीमती अंजना खरे ने किया।

कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति

कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त आचार्यगण, कार्यालयीन स्टाफ और एम.एड. एवं बी.एड. के प्रशिक्षार्थी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम की जानकारी संस्था के आचार्य करीम खान ने दी। इस सांस्कृतिक महोत्सव ने सभी को अपनी प्रतिभा और भारतीय संस्कृति के विविध रंगों से अवगत कराया और आयोजन की सफलता को सुनिश्चित किया।


Discover more from VPS Bharat

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Related Posts

बलरामपुर जिला पंचायत चुनाव: BJP का परचम, बागी सिद्धनाथ पैकरा को हार का सामना

बलरामपुर जिला पंचायत चुनाव में सियासी उठापटक के बीच बीजेपी समर्थित प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की, जबकि बागी बने पूर्व विधायक सिद्धनाथ पैकरा को करारी हार का सामना करना पड़ा। चुनाव परिणामों के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया, जहां पैकरा ने अपनी हार के लिए मंत्री रामविचार नेताम को जिम्मेदार ठहराया।

कानन पेण्डारी जू के शेर भीम का निधन, किडनी की बीमारी से जूझ रहा था

छत्तीसगढ़ के कानन पेण्डारी जू में शेर भीम का दुखद निधन! किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे इस शेर को बचाने की हर संभव कोशिश की गई, लेकिन आज सुबह उसने आखिरी सांस ली। वन्यजीव प्रेमियों के लिए यह एक बड़ी क्षति है!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *