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मरीजों को 22 कंबल दान कर दी सर्दी में राहत
माँ की याद में भावुक कदम
बिलासपुर: अपनी माँ सविता यादव की कैंसर से हुई मृत्यु के बाद, 23 वर्षीय शारदा यादव ने एक अनूठा और प्रेरणादायक कदम उठाया। सविता यादव का इलाज सिम्स अस्पताल के कैंसर विभाग में आयुष्मान योजना के तहत दो साल तक निशुल्क हुआ था। हालांकि, इलाज के बावजूद कैंसर का संक्रमण अन्य अंगों में फैलने के कारण उनका निधन हो गया।
सर्दी से राहत के लिए मरीजों को कंबल दान
अपनी माँ की यादों को सम्मानित करने के उद्देश्य से, शारदा ने सिम्स अस्पताल के कैंसर विभाग में 22 कंबल दान किए। शारदा का कहना है, “यह मेरी माँ की यादों को जीवित रखने का तरीका है, और मैं चाहती हूँ कि कैंसर मरीजों को इस सर्दी में थोड़ी राहत मिल सके।”
डॉक्टर्स ने की सराहना
सिम्स अस्पताल के कैंसर विभाग के अध्यक्ष डॉ. चंद्रहास ध्रुव और सहायक डॉक्टर हेमू टंडन ने शारदा यादव के इस कदम की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह समाज के लिए एक प्रेरणादायक पहल है।
“शारदा का यह संवेदनशील कार्य अन्य लोगों को भी प्रेरित करेगा,” डॉ. ध्रुव ने कहा।
मरीजों के लिए संदेश
सिम्स अस्पताल के अन्य चिकित्सकों ने भी शारदा के इस कदम को सराहा। उनका कहना था कि यह न केवल मरीजों को राहत देने वाला है, बल्कि परिजनों के बीच सहानुभूति और सहयोग का संदेश भी देता है।
शारदा का उद्देश्य
शारदा यादव ने कहा कि उनका उद्देश्य सिर्फ अपनी माँ की यादों को संजोना नहीं था, बल्कि कैंसर से जूझ रहे मरीजों का दर्द कम करना और उनके जीवन में राहत लाना भी था।
“माँ की प्रेरणा ने मुझे यह कदम उठाने की हिम्मत दी,” उन्होंने कहा।
यह संवेदनशील और प्रेरणादायक कार्य समाज को परोपकार और सहानुभूति की सीख देता है।
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