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शासन ने बताया – बस्तर, जांजगीर-चांपा में स्ट्रीट लाइट घोटाले की जांच शुरू

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कोर्ट ने रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश देते हुए 28 जनवरी को सुनवाई तय की

बस्तर के सुकमा और आसपास के 190 गांवों तथा जांजगीर-चांपा क्षेत्र में बिना टेंडर के सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने के मामले में गुरुवार को सुनवाई हुई। शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि प्रकरण की जांच शुरू कर दी गई है और इस मामले में एक विस्तृत रिपोर्ट जल्द ही पेश की जाएगी। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 जनवरी, 2025 की तिथि निर्धारित की है।

डीएमएफ फंड के दुरुपयोग और नियमों की अनदेखी

मुख्य न्यायाधीश की डिवीजन बेंच ने डीएमएफ फंड के दुरुपयोग और गांवों में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने के दौरान क्रेडा से अनुमति नहीं लेने के मामले में स्वतः संज्ञान लिया है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इस घोटाले को लेकर कड़ा रुख अपनाया था और नाराजगी व्यक्त की थी। चीफ जस्टिस ने हैरानी जताई कि क्या कोई अधिकारी इस तरह की हिमाकत कर सकता है, और ऐसा क्यों किया गया, जबकि नियमों के तहत इसे मंजूरी नहीं दी जा सकती थी।

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अधिकारियों की मनमानी और विभागीय आपत्ति

जब सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने का काम चल रहा था, तब क्रेडा ने संबंधित विभाग को पत्र लिखकर आपत्ति जताई थी। क्रेडा ने बताया था कि बिना टेंडर के यह कार्य क्यों किया जा रहा है और यह भी बताया कि यह प्रक्रिया नियमों और मापदंडों के अनुरूप नहीं थी। लेकिन, अधिकारियों ने क्रेडा की आपत्ति को नजरअंदाज कर दिया और नियमों का उल्लंघन करते हुए काम को आगे बढ़ाया।

कोर्ट द्वारा जारी किया गया नोटिस

इस मामले में डिवीजन बेंच ने उर्जा सचिव को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि इस तरह की मनमानी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले की जांच में अब शासन की ओर से किए गए कदमों और जांच की स्थिति पर ध्यान दिया जाएगा।

यह मामले की आगामी सुनवाई 28 जनवरी को होगी, जब कोर्ट शासन द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर विचार करेगा।


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