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ठेकेदार पर करोड़ों की रॉयल्टी बकाया, सिंचाई कार्य अधूरा
कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव ने सोमवार को अरपा भैंसाझार परियोजना में ठेकेदार द्वारा करोड़ों की रॉयल्टी क्लियरेंस जमा न करने का मामला विधानसभा में उठाया। विधायक ने यह सवाल भी किया कि क्यों अभी तक परियोजना के तहत पूर्ण सिंचाई संभव नहीं हो पाई है।
प्रश्नकाल में उठा मामला
विधानसभा के प्रथम दिन प्रश्नकाल के दौरान विधायक अटल श्रीवास्तव ने जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप से दो मुख्य सवाल पूछे:
- रॉयल्टी क्लियरेंस का बकाया – ठेकेदार द्वारा जमा की गई रॉयल्टी की स्थिति क्या है?
- सिंचाई कार्य की प्रगति – अरपा भैंसाझार परियोजना के तहत कितने क्षेत्रों में सिंचाई हो रही है?
जल संसाधन विभाग का जवाब
जल संसाधन विभाग ने जवाब में बताया:
- रॉयल्टी की स्थिति: ठेकेदार को निविदा के अनुसार 4.20 करोड़ की रॉयल्टी क्लियरेंस जमा करनी थी, जिसमें से 1.58 करोड़ की राशि अभी भी बकाया है।
- समयसीमा और कार्रवाई: 25 नवंबर 2024 तक रॉयल्टी जमा नहीं होने पर खनिज विभाग से कोई सूचना जल संसाधन विभाग को प्राप्त नहीं हुई है।
सिंचाई कार्य में देरी
विधायक श्रीवास्तव ने परियोजना के तहत सिंचाई की स्थिति पर भी सवाल उठाया। जल संसाधन विभाग ने बताया:
- अनुबंध के अनुसार 25 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसल की सिंचाई होनी थी।
- अब तक 12 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में ही सिंचाई हो पाई है, जो कोटा और तखतपुर के 49 ग्रामों तक सीमित है।
- 53 ग्रामों (तखतपुर के 22 और बिल्हा के 31 ग्राम) में सिंचाई कार्य अब भी लंबित है।
शेष नहर निर्माण और समयवृद्धि
जल संसाधन विभाग ने बताया कि ठेकेदार को कार्य पूरा करने के लिए नवमी बार समयवृद्धि दी गई है।
विधायक का सवाल और चिंता
विधायक अटल श्रीवास्तव ने रॉयल्टी बकाया और अधूरी परियोजना पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने विभागीय कार्रवाई और कार्य में तेजी लाने की मांग की ताकि कोटा और तखतपुर क्षेत्र के किसानों को सिंचाई का लाभ मिल सके।
विधानसभा में इस मुद्दे को उठाने से अरपा भैंसाझार परियोजना की खामियां उजागर हुई हैं। विधायक ने ठेकेदार पर कार्रवाई और किसानों के हित में परियोजना को शीघ्र पूरा करने की मांग की है।
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