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कस्तूरबा नगर वार्ड 19 में सड़क निर्माण कार्य के दौरान भाजपा के पूर्व पार्षद रमेश जायसवाल और कांग्रेस के वर्तमान पार्षद भरत कश्यप के बीच तीखी बहस हो गई। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर वार्ड की उपेक्षा और श्रेय लेने की राजनीति करने के आरोप लगाए। इस बहस के दौरान पूजा के नारियल और अन्य सामग्री को लेकर विवाद गहराया, जिससे स्थानीय निवासियों में नाराजगी फैल गई।
नारियल नाली में फेंकने का आरोप
घटना के दौरान पार्षद भरत कश्यप सड़क मरम्मत कार्य शुरू करने से पहले पूजा की सामग्री लेकर पहुंचे थे। उन्होंने पूजा के लिए नारियल और अगरबत्ती मंगवाई। इसी बीच वहां पहुंचे पूर्व पार्षद रमेश जायसवाल ने इस प्रक्रिया पर आपत्ति जताई। बहस इतनी बढ़ गई कि दोनों ने एक-दूसरे पर नारियल को नाले में फेंकने का आरोप लगाया।
विवाद के बाद मोहल्ला विकास और व्यापारी संघ ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे “श्रेय लेने की राजनीति” करार दिया।
पुराना है विवाद का इतिहास
भाजपा और कांग्रेस के इन जनप्रतिनिधियों के बीच विवाद कोई नई बात नहीं है। पहले भी ठेका पद्धति, सफाई व्यवस्था, जल विभाग की अनियमितताओं और अवैध कब्जों को लेकर दोनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप चलते रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, भाजपा के ही एक गुट पर कांग्रेस पार्षद को अघोषित समर्थन देने का आरोप भी लगता रहा है।
दोनों ने एक-दूसरे को ठहराया जिम्मेदार
घटना के बाद भरत कश्यप और रमेश जायसवाल ने एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया।
- भरत कश्यप का बयान: “मैंने नारियल को सिर्फ हाथ में रखा था और इसे वार्ड के एक नागरिक से तुड़वाने की योजना थी। लेकिन रमेश जायसवाल ने नारियल मेरे हाथ से छीनकर नाले में फेंक दिया और धमकी दी।”
- रमेश जायसवाल का पक्ष: “भरत कश्यप ने खुद नारियल नाले में फेंका और अब मुझ पर आरोप लगा रहे हैं। वे वार्ड के लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।”
स्थानीय लोग बोले- राजनीति छोड़ करें विकास पर ध्यान
घटना पर मोहल्ले के लोगों ने नाराजगी जताई और नेताओं से राजनीति छोड़ विकास कार्यों पर ध्यान देने की अपील की। कस्तूरबा नगर निवासी अब इन विवादों से तंग आ चुके हैं और चाहते हैं कि जनप्रतिनिधि आपसी रंजिश से ऊपर उठकर वार्ड के विकास में सहयोग करें।
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