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नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लोकसभा में दिए गए भाषण ने विवाद खड़ा कर दिया है। सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान, उन्होंने सरकार पर तीखे प्रहार किए। उनके बयान पर बीजेपी और एनडीए के नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और उन पर गैर-जिम्मेदाराना बयान देने का आरोप लगाया।
चीन मुद्दे पर सरकार पर निशाना
राहुल गांधी ने चीन की घुसपैठ को लेकर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के इनकार के बावजूद, चीनी सेना भारतीय क्षेत्र में मौजूद है। उन्होंने कहा,
“हमारी सेना अभी भी चीन के साथ घुसपैठ पर बातचीत कर रही है। प्रधानमंत्री इसे नकारते हैं, लेकिन सेना प्रमुख ने खुद कहा है कि चीनी सैनिक हमारे क्षेत्र में हैं।”
राहुल गांधी ने आगे कहा, “चीन की घुसपैठ का मुख्य कारण यह है कि ‘मेक इन इंडिया’ योजना विफल रही है। हम अपने उत्पादन को बढ़ाने में असफल रहे हैं, जिससे भविष्य में हमें चीन से इलेक्ट्रिक मोटर, बैटरी और ऑप्टिक्स खरीदने पड़ सकते हैं।”
अमेरिकी दौरे पर विदेश मंत्री की भूमिका पर सवाल
राहुल गांधी ने विदेश नीति को लेकर भी सरकार को घेरा। उन्होंने आरोप लगाया कि,
“जब हम अमेरिका से बातचीत करते हैं, तो हमें अपने प्रधानमंत्री को आमंत्रण दिलाने के लिए विदेश मंत्री को नहीं भेजना चाहिए। अगर भारत की औद्योगिक स्थिति मजबूत होती, तो अमेरिकी राष्ट्रपति खुद भारत आकर प्रधानमंत्री को आमंत्रित करते।”
महाराष्ट्र में मतदाता सूची को लेकर संदेह
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में नवंबर 2024 में हुए विधानसभा चुनावों की पारदर्शिता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा,
“लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच, मतदाता सूची में 70 लाख नए नाम जोड़े गए। यह हिमाचल प्रदेश की कुल आबादी के बराबर है।”
मुख्य चुनाव आयुक्त की चयन प्रक्रिया पर सवाल
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की स्वतंत्रता को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा,
“अब बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और मैं ही रहूंगा। 2-1। मेरी उपस्थिति का क्या अर्थ है? मुझे बस वही प्रमाणित करना है, जो मोदी और शाह कहेंगे। यदि चीफ जस्टिस वहां होते, तो चर्चा संभव थी। यह एक रणनीति के तहत किया गया है।”
‘मेक इन इंडिया’ पर तीखी टिप्पणी
राहुल गांधी ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ एक अच्छी पहल थी, लेकिन यह विफल साबित हुई। उन्होंने कहा,
“2014 में विनिर्माण क्षेत्र का जीडीपी में योगदान 15.3% था, जो अब घटकर 12.6% रह गया है। प्रधानमंत्री ने प्रयास किया, लेकिन यह योजना सफल नहीं हो सकी।”
बीजेपी की कड़ी प्रतिक्रिया
राहुल गांधी के भाषण पर बीजेपी और एनडीए के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा,
“विपक्ष के नेता को इतने गंभीर और बेबुनियाद बयान देने का अधिकार नहीं है। यह दो देशों के संबंधों से जुड़ा विषय है और वह बिना प्रमाण के प्रधानमंत्री के निमंत्रण को लेकर झूठा दावा कर रहे हैं।”
विदेश मंत्री का पलटवार
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राहुल गांधी के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा,
“विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अमेरिका में मेरी यात्रा को लेकर झूठ बोला। मैं वहां अमेरिकी विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से मिलने गया था। साथ ही, हमारे कॉन्सल जनरल की एक बैठक की अध्यक्षता करने के लिए वहां गया था।”
जयशंकर ने कहा कि राहुल गांधी के बयान से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को नुकसान होता है। उन्होंने कहा,
“प्रधानमंत्री भारत का प्रतिनिधित्व ऐसे आयोजनों में नहीं करते। भारत की ओर से विशेष दूत को भेजा जाता है। राहुल गांधी के झूठ का मकसद भले ही राजनीतिक हो, लेकिन इससे देश की साख को ठेस पहुंचती है।”
राहुल गांधी के भाषण पर पहले भी मचा है बवाल
यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी के भाषण ने विवाद खड़ा किया है। जुलाई 2024 में लोकसभा में अपने पहले भाषण में भी उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह और अन्य नेताओं पर तीखे हमले किए थे। तब उनके कुछ बयान लोकसभा अध्यक्ष द्वारा कार्यवाही से हटा दिए गए थे। राहुल गांधी ने उस समय भी पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जताई थी।
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