
👇 खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं
रायपुर।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव डॉ. बसवराजू एस. ने सोमवार को मंत्रालय में आयोजित समीक्षा बैठक में मिशन अमृत 2.0 के कार्यों की प्रगति का जायजा लिया। बैठक के दौरान उन्होंने कार्यों में हो रही देरी और लापरवाही पर गहरी नाराजगी जताई और संबंधित अधिकारियों और निर्माण एजेंसियों को कड़ी फटकार लगाई।
उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी अधूरे कार्यों को बारिश से पहले हर हाल में पूरा किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई गई, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
36 नगरीय निकायों में चल रही हैं पेयजल परियोजनाएं
मिशन अमृत 2.0 के तहत राज्य के 36 नगरीय निकायों में पेयजल से जुड़ी परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं, जिनमें से 29 परियोजनाओं के लिए कार्यादेश जारी हो चुके हैं। डॉ. बसवराजू ने कहा कि सभी कार्यों को समयसीमा के भीतर पूरा करना अनिवार्य है, क्योंकि कार्यों में देरी होने पर केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि रुक सकती है, जिससे राज्य सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ आ सकता है।
उन्होंने याद दिलाया कि मिशन की अंतिम समयसीमा मार्च 2026 है और यह केंद्र और राज्य सरकार दोनों की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। भारत सरकार और उप मुख्यमंत्री अरुण साव द्वारा भी इस मिशन की नियमित निगरानी की जा रही है।
फील्ड निरीक्षण और गुणवत्ता जांच के निर्देश
समीक्षा बैठक में मिशन से जुड़े नोडल अधिकारी, अभियंता, पीडीएमसी के डिप्टी टीम लीडर्स, असिस्टेंट कंस्ट्रक्शन मैनेजर्स और विभिन्न निर्माण एजेंसियों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। सचिव ने राज्य शहरी विकास अभिकरण (SUDA) के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे नियमित रूप से फील्ड में जाकर प्रगति और गुणवत्ता की जांच करें।
उन्होंने कहा कि अगली समीक्षा बैठक में सभी एजेंसियों को भौतिक प्रगति, समयबद्ध योजना और कार्य रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।
300 करोड़ रुपये आबंटन के बावजूद कार्यों में सुस्ती
डॉ. बसवराजू ने बताया कि जनवरी 2024 के बाद से मिशन के लिए 300 करोड़ रुपये का आबंटन किया गया है और मार्च 2025 तक कोई भुगतान लंबित नहीं है। इसके बावजूद कई नगरीय निकायों में कार्य प्रगति अत्यंत धीमी है, जो चिंता का विषय है।
उन्होंने सभी नगरीय निकायों को निर्देशित किया कि वे प्रत्येक कार्य के लिए अलग एक्शन प्लान तैयार करें और उसकी साप्ताहिक समीक्षा रिपोर्ट विभाग को भेजें। कार्यों में लापरवाही बरतने वालों को उन्होंने सीधी चेतावनी दी।
बैठक में उपस्थित रहे वरिष्ठ अधिकारी

इस अहम समीक्षा बैठक में SUDA के मुख्य कार्यपालन अधिकारी शशांक पांडेय, उप महाप्रबंधक रमेश सिंह समेत विभिन्न निर्माण एजेंसियों और परामर्शदाताओं के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
Discover more from VPS Bharat
Subscribe to get the latest posts sent to your email.