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खनन माफिया ने कांस्टेबल को कुचलकर मार डाला, हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया – कहा: “यह राज्य के हालात पर गंभीर सवाल”

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बिलासपुर/बलरामपुर। बलरामपुर जिले के सनावल थाना क्षेत्र में अवैध रेत खनन रोकने गए कांस्टेबल शिव बचन सिंह की रेत माफिया द्वारा ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या कर दी गई। इस अत्यंत गंभीर घटना पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है।

मुख्य न्यायाधीश की अवकाशकालीन बेंच ने कहा, “राज्य में कानून व्यवस्था की यह स्थिति बेहद चिंताजनक है। अदालत ने पहले ही अवैध खनन पर रोक के निर्देश दिए थे, इसके बावजूद ऐसी घटनाएं हो रही हैं। जिसे जो मन में आ रहा, वही कर रहा है।” अदालत ने इस मामले में डीजीपी, खनिज सचिव और वन विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 9 जून को होगी।


कैसे हुई यह दर्दनाक घटना?

यह घटना 11 मई, रविवार रात करीब 11 बजे की है। जानकारी के अनुसार, सनावल पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम कनहर नदी में अवैध खनन रोकने लिबरा गांव पहुंची थी। इसी दौरान एक भागते हुए ट्रैक्टर को कांस्टेबल शिव बचन सिंह (43 वर्ष) ने रोकने की कोशिश की। लेकिन ट्रैक्टर चालक ने वाहन न रोकते हुए कांस्टेबल को कुचल दिया और मौके से फरार हो गया।

घायल कांस्टेबल को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मृत्यु हो गई। पुलिस ने इस मामले में दो संदेहियों को हिरासत में लिया है, जबकि मुख्य आरोपी अभी फरार है।


चार महीने से चल रही थी अवैध रेत तस्करी, पुलिस संरक्षण का आरोप

स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि लिबरा गांव में पिछले चार महीनों से झारखंड के तस्कर भारी मात्रा में रेत की तस्करी कर रहे थे, और इस पूरे नेटवर्क को कुछ पुलिस कर्मियों का संरक्षण प्राप्त था। शनिवार को जब ग्रामीणों ने विरोध किया, तो पुलिस ने तीन गाड़ियां जब्त की थीं। लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि बाद में पुलिस ने तस्करों से “कमीशन” लेकर गाड़ियां छोड़ दीं।


थानेदार को किया गया निलंबित, पहले की गई थी शिकायत

कांस्टेबल की मौत के बाद सनावल थाना प्रभारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि लिबरा गांव के सरपंच, पंच और ग्रामीणों ने पहले ही थाना प्रभारी को लिखित शिकायत सौंपी थी, जिसमें रेत माफिया रोहित यादव, विश्वकर्मा और शमशाद मोहम्मद के नाम दिए गए थे। ग्रामीणों ने आशंका जताई थी कि माफिया उन्हें धमका रहे हैं और किसी भी दिन बड़ी दुर्घटना हो सकती है।


अब आगे क्या?

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अब जब मामला हाईकोर्ट के संज्ञान में है, तो उम्मीद की जा रही है कि अवैध रेत खनन पर न केवल सख्त कार्रवाई होगी, बल्कि इसमें लिप्त अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कठोर कदम उठाए जाएंगे


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