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छत्तीसगढ़ के तमोर पिंगला अभ्यारण्य के ग्राम अरचोका में गुरुवार की रात एक दंतैल हाथी ने घर को तोड़ दिया, जिससे मलबे में दबकर 7 माह की मासूम बच्ची की मौत हो गई। घटना ने ग्रामीणों में आक्रोश पैदा कर दिया है, खासकर वन विभाग की लापरवाही और क्षेत्र में हाथियों की निगरानी की कमी को लेकर।
दंतैल हाथी ने मचाया उत्पात
ग्राम अरचोका में दंतैल हाथी ने रमकोला क्षेत्र के खेलसाय राजवाड़े के घर को निशाना बनाया। घटना के समय परिवार के सदस्य घर के भीतर सो रहे थे। हाथी ने घर को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया, जिसके बाद मलबे में दबकर मासूम बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई।
वन विभाग की लापरवाही पर ग्रामीणों का आक्रोश
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से दंतैल हाथी सोनगरा क्षेत्र में उत्पात मचा रहा था। बावजूद इसके वन विभाग ने सुरक्षा उपायों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए। ग्रामीणों का आरोप है कि विभागीय कर्मचारी अम्बिकापुर से आकर क्षेत्र में कभी-कभी ही नजर आते हैं, और हाथियों की निगरानी केवल कागजों तक सीमित रह गई है।
जिला पंचायत अध्यक्ष का आरोप
घटना की जानकारी मिलने पर शुक्रवार को जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि शिवभजन मराबी मौके पर पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों को बुलाकर पंचनामा तैयार करवाया और विभागीय कर्मचारियों की लापरवाही पर कड़ी फटकार लगाई। मराबी ने कहा कि यह घटना वन विभाग की घोर लापरवाही का परिणाम है और हाथियों के उत्पात को रोकने के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई है, जिससे ग्रामीणों का जीवन भगवान भरोसे चल रहा है।
ग्रामीणों की सुरक्षा का संकट
ग्रामीणों का कहना है कि यदि हाथियों के उत्पात को रोकने के लिए विभाग जल्द कोई ठोस योजना नहीं बनाता, तो ऐसी घटनाएं भविष्य में भी होती रहेंगी। उन्होंने प्रशासन से शीघ्र समाधान की मांग की है, ताकि आने वाले समय में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
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