बिलासपुर की प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था छंदशाला ने पर्यटन नगरी सोमनाथ सिमगा में अपने वार्षिक पारिवारिक मिलन एवं वनभोज का आयोजन किया, जो हर्षोल्लास एवं आत्मीयता से परिपूर्ण रहा। इस कार्यक्रम में छंदशाला के सभी रचनाकारों के साथ उनके परिवारजनों ने भी भाग लिया, जिससे यह आयोजन केवल साहित्यिक नहीं, बल्कि पारिवारिक आनंद का एक अद्भुत अवसर बन गया।
संगम पर काव्य और नौका विहार
कार्यक्रम की शुरुआत सिमगा में स्वल्पाहार से हुई। इसके बाद शिवनाथ और खारुन नदी के संगम पर नौका विहार किया गया। नौकायन के दौरान रचनाकारों ने अपनी कविताओं और गीतों का पाठ किया, जिसने इस अनुभव को अद्वितीय बना दिया। नौका विहार के पश्चात सभी ने महादेव मंदिर और आस-पास के वन का भ्रमण किया।
छत्तीसगढ़ी स्वाद और मनोरंजन
वनभोज में छत्तीसगढ़ी स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेने के बाद मनोरंजक खेलों का आयोजन किया गया। खेलों में कुर्सी दौड़, एक मिनट गेम, और जोड़ी बनाओ जैसे गतिविधियों में प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।
काव्य गोष्ठी में काव्य रसधार
काव्य गोष्ठी का शुभारंभ संयोजिका डॉ. सुनीता मिश्रा के स्वागत उद्बोधन से हुआ। छंदशाला के रचनाकारों ने अपने काव्यपाठ से पर्यटकों को भी मंत्रमुग्ध कर दिया। वरिष्ठ गीतकार आद. बुधराम यादव सहित कई प्रतिष्ठित कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं।
पुरस्कार और सम्मान
मनोरंजक खेलों में विजयी प्रतिभागियों को आकर्षक पुरस्कार प्रदान किए गए। आशुकवि दीनदयाल यादव को उनकी त्वरित काव्य रचना के लिए विशेष पुरस्कार दिया गया।
आयोजन की सफलता का श्रेय
इस आयोजन के सूत्रधार छंदशाला की संयोजिका डॉ. सुनीता मिश्रा, सचिव सुषमा पाठक, और कोषाध्यक्ष शैलेन्द्र गुप्ता रहे। संचालन बालमुकुंद श्रीवास ने कुशलतापूर्वक किया। आभार प्रदर्शन डॉ. सुनीता मिश्रा ने किया।
उपस्थित साहित्य प्रेमी और सदस्य
कार्यक्रम में छंदशाला के संरक्षक, सदस्य और उनके परिवारजन जैसे विभा पांडेय, सरिता तिवारी, माया दुबे, अशोक दुबे, श्वेता पांडेय सहित पूरा छंदशाला परिवार उपस्थित रहा।
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