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बिलासपुर। अखण्ड ब्राह्मण समाज सेवा समिति द्वारा आयोजित छत्तीसगढ़ी व्यंजन मेला संग हाट का आयोजन इस साल सी एम डी कालेज ग्राउंड में हुआ, जो कि अपने नौवें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। इस खास आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव सायं की धर्मपत्नी कौशल्या विष्णु देव साय एवं समापन सत्र के मुख्य अतिथि नगर विधायक अमर अग्रवाल उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जिसमें कौशल्या विष्णु देव साय ने दीप जलाकर मेले का उद्घाटन किया। साथ ही शंख ध्वनि और पांच पंडितों द्वारा स्वस्ति वाचन भी किया गया। इस अवसर पर नारी सशक्तिकरण पर प्रकाश डालते हुए, कौशल्या जी ने कहा, “नारी सम्मान करवाती है और समाज में उनकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।”
मेले में छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजनों की भरमार थी। यहाँ फरा, चौसेला, ठेठरी, खुरमी, इमली लाटा जैसे विभिन्न स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ लोगों ने उठाया। इस बार मेले में 55 से अधिक स्टाल लगाए गए थे, जहाँ प्रदेश भर के लोग छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का आनंद ले सके।
मुख्य अतिथि कौशल्या विष्णु देव साय ने महिलाओं के प्रयासों की सराहना की और इस तरह के कार्यक्रमों को अधिक ऊंचाई तक ले जाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, “हम महिलाओं को न केवल अपने घर-परिवार को संभालने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए, बल्कि समाज में भी अपनी भूमिका को सशक्त बनाना चाहिए। गृहस्थ जीवन एक तपस्या है, जिसमें महिलाएं दिन-रात मेहनत करती हैं।”
कार्यक्रम में नारी प्रकोष्ठ की अध्यक्ष चित्रलेखा तिवारी ने स्वागत उद्बोधन दिया, और विशिष्ट अतिथि हर्षिता पांडे ने कार्यक्रम की जानकारी दी। उन्होंने कहा, “बसंत पंचमी के इस अवसर पर लक्ष्मीस्वरूपा भाभी के दर्शन हुए हैं, और हम आशा करते हैं कि अगले वर्ष व्यंजन मेला में भगवान विष्णु और लक्ष्मीजी दोनों का आशीर्वाद मिलेगा।”
कार्यक्रम के समापन सत्र में मुख्य अतिथि अमर अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि समय के साथ यह मेला और भी भव्य होता जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने आयोजनकर्ताओं और उपस्थित सभी लोगों को धन्यवाद दिया।
कार्यक्रम में योगेश तिवारी (प्रदेश अध्यक्ष, युवा प्रकोष्ठ) और मोहित मिश्रा (प्रदेश अध्यक्ष, युवा प्रकोष्ठ) ने अतिथियों का सम्मान किया। इस दौरान वाणी राव, संजय दुबे (सी एम डी कालेज के चेयरमैन) समेत कई प्रमुख व्यक्ति उपस्थित थे।
मेले में कुछ महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में सजी-धजी नजर आईं, जिससे आयोजन में छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा का जीवंत अनुभव हुआ।
अखण्ड ब्राह्मण समाज सेवा समिति द्वारा आयोजित इस उत्सव ने न केवल छत्तीसगढ़ी संस्कृति को प्रस्तुत किया बल्कि महिलाओं के संघर्ष, समर्पण और शक्ति को भी उजागर किया।
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