अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय में बुधवार को “जनजातीय गौरव” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मध्यप्रदेश के राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल उपस्थित रहे। संगोष्ठी में जनजातीय समाज की उपलब्धियों और योगदान पर चर्चा की गई।
कार्यक्रम की मुख्य बातें
राज्यपाल का संबोधन
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने अपने संबोधन में कहा:
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनजातीय गौरव को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है। मोदी जी ने मुख्यमंत्री रहते हुए भी समाज की समस्याओं का समाधान किया और जनजातीय क्षेत्रों में विकास योजनाएं लागू कीं। - जल, जंगल, और जमीन के संरक्षक
राज्यपाल ने कहा कि आदिवासी समाज ने प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे जल, जंगल, और जमीन के संरक्षक हैं, और उनकी जीवनशैली में ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याएं नहीं पाई जातीं। - सिकल सेल रोग पर चर्चा
राज्यपाल ने सिकल सेल रोग को आदिवासी समुदाय के लिए एक बड़ी समस्या बताया। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ने इस दिशा में ठोस कदम उठाए हैं और बजट में विशेष प्रावधान किए हैं। प्रधानमंत्री का लक्ष्य है कि 2047 तक इस समस्या को पूरी तरह समाप्त किया जाए।
विधायकों और नेताओं के विचार
- विधायक सुशांत शुक्ला
“जनजातीय गौरव दिवस हमारे इतिहास को जानने और जनजातीय समुदाय की गौरव गाथा को सामने लाने का अवसर है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में जनजातीय गौरव को विशेष रूप से शामिल किया जाना चाहिए।” - विधायक धर्मजीत सिंह
उन्होंने कहा कि जनजातीय गौरव को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा और अन्य माध्यमों से प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने पंडरिया के राजा रघुराज सिंह के योगदान का उल्लेख करते हुए उनकी खेल गतिविधियों में भूमिका की सराहना की। - अमर अग्रवाल
“जनजातीय समाज का इतिहास, उनकी संस्कृति और जीवनशैली हमें प्रेरित करती है। उनका योगदान हमारी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर है।”
सम्मानित विभूतियां
कार्यक्रम में जनजातीय समाज की सात विभूतियों को जनजातीय गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।
- राज्यपाल मंगुभाई पटेल
- कैबिनेट मंत्री रामविचार नेताम
- रामलाल रौतेल (कोल विकास प्राधिकरण, मध्यप्रदेश)
- डॉ. चंद्रशेखर ऊइके (चिकित्सा सेवा)
- डॉ. ज्योति रानी सिंह (शिक्षा)
- मधुलिका सिंह (पुलिसिंग)
- इतवारी सिंह राज (क्रीड़ा क्षेत्र)
कार्यक्रम की अन्य गतिविधियां
- स्मारिका का विमोचन
अटल विश्वविद्यालय की स्मारिका का विमोचन भी इस अवसर पर किया गया। - कार्यक्रम की अध्यक्षता
कुलपति आचार्य एडीएन वाजपेई ने संगोष्ठी की अध्यक्षता की और जनजातीय समाज के गौरवमयी इतिहास पर अपने विचार साझा किए।
निष्कर्ष
इस संगोष्ठी के माध्यम से जनजातीय समाज की गौरवशाली गाथा को राष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित करने का एक सार्थक प्रयास किया गया। उपस्थित जनों ने जनजातीय समुदाय के उत्थान और उनकी समस्याओं को हल करने के लिए एकजुट होकर कार्य करने का संकल्प लिया।
Discover more from VPS Bharat
Subscribe to get the latest posts sent to your email.