सिद्धचक्र मण्डल में मन्त्र- तंत्र- यन्त्र तीनों का समावेश है – बाल ब्रम्हचारी मनोज भैया

Listen to this article

जैन धर्म में अष्टान्हिका महापर्व का बहुत महत्व है, शुक्रवार से प्रारम्भ हुए अष्टान्हिका महापर्व में श्रीमंत सेठ विनोद रंजना जैन कोयला परिवार बिलासपुर द्वारा श्री 1008 आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर क्रांति नगर में श्री 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान प्रारंभ हुआ। विश्व शान्ति की मंगल कामना से प्रारम्भ हुए इस अनुष्ठान में आज ध्वजरोहण कोयला सेठ परिवार द्वारा किया गया।

श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान संपन्न कराने हेतु ललितपुर से बाल ब्रम्हचारी मनोज भैया उपस्थित है, जिनके ओजस्वी वाणी और शुद्ध उच्चारण के द्वारा सिद्धचक्र महामंडल विधान संपन्न कराया जा रहा है। प्रातः 7:00 बजे ध्वजारोहण, सकलीकरण और पात्र चयन किया गया। भोपाल के भूपेन्द्र म्यूजिकल ग्रुप के साथ विधानाचार्य बाल ब्रह्मचारी मनोज भैया के मुखाग्र बिंदु से प्रातः 7:00 बजे अभिषेक शांतिधारा प्रारम्भ हुई। अभिषेक शांतिधारा पूर्ण होने के उपरान्त पहले दिन के अर्घ चढ़ाये गए।

विधान के दौरान विधानाचार्य जी ने श्री सिद्धचक्र महामण्डल विधान की महिमा और उपयोगिता को सरल शब्दों में समझाया। उन्होंने बताया कि जैन परंपरा में श्री सिद्धचक्र महामण्डल विधान की विशेष महिमा है, ऐसा कहा जाता है कि सिद्धचक्र महामण्डल विधान में समस्त पूजाएं समाहित हो जाती हैं।

सिद्ध का अर्थ है जो समस्त कलंक से मुक्त देहातीत परमात्मा हैं ; चक्र का अर्थ है समूह और मंडल का आशय एक प्रकार के वृताकार यंत्र से है, जिसमें अनेक प्रकार के मंत्र व बीजाक्षरों की स्थापना की जाती है। विधान शब्द का अर्थ है – साधन या अनुष्ठान। यहां विधान का अर्थ एक ऐसे अनुष्ठान से है, जो हमारे इष्ट लक्ष्य की पूर्ति का साधन है। इस प्रकार सिद्धचक्र महामण्डल विधान का अर्थ होगा – विशिष्ट विधि-विधान से मन्त्र आराधना के साथ मण्डल की रचनापूर्वक सिद्ध परमात्मा समूह की आराधना।

इसमें मन्त्र- तंत्र- यन्त्र तीनों का समावेश है। सिद्धचक्र मण्डल की स्थापना यन्त्र है। मन्त्राराधना इसमें समाहित है ही तथा आठ-सोलह आदि द्विगुणित रूप से की जाने वाली पूजा एक प्रकार की तांत्रिक प्रक्रिया है। अष्ट द्रव्यों के माध्यम से अपनी भक्ति को प्रकाशित करना पूजा कहलाती है। पूजा के साथ जाप आदि विहित-विधि अनुसार किया जाने वाला अनुष्ठान विधान कहलाता है। मण्डल की संरचनापूर्वक होने वाला विधान मंडलविधान कहलाता है।

श्री सिद्धचक्र महामण्डल विधान में मण्डल का अपना महत्व है। दिव्य शक्तियों के आह्वान के लिए तैयार किया गया रेखाचित्र मण्डल कहलाता है, जो कि विशिष्ट शक्ति का पुञ्ज होता है। जब हम एक मण्डल की संरचना करते हुए उसमें बीजाक्षर स्थापित करते हैं तो उसका एक एकाकी प्रभाव होता है और जब अनेक मण्डलों की रचना की जाती है तो उसका प्रभाव भी संख्या के अनुपात में अनेक गुना हो जाता है।

बहुमण्डलीय श्री सिद्धचक्र विधान में बैठने वाले सभी श्रावक जब समवेत स्वर में मंत्र आदि का उच्चारण करते हैं तो वहाँ विशिष्ट प्रभाव परिलक्षित होता है। एक मण्डल की रचनापूर्वक विधान करने से एक ही स्थान पर शक्ति संधारण होता है और अनेक मण्डलों की रचना करके विधान करने से कई गुना शक्ति-प्रवाह होता है; जो पूजा-विधान करने वाले श्रावकों के तन-मन और जीवन पर सकरात्मक प्रभाव डालता है।

बहुमण्डलीय विधान में प्रत्येक मण्डल पर बैठने वाले प्रत्येक व्यक्ति का व्यक्तिगत विधान संपन्न होता है और सामूहिक रूप से उत्पन्न ऊर्जा का सकरात्मक प्रभाव भी वह प्राप्त कर लेता है। सिद्धचक्र महामंडल विधान में सिद्ध भगवान की आराधना की जाती है। प्रथम दिन 8 अर्घ्य समर्पित किए जाते हैं और भगवान के 8 गुणों का व्याख्यान किया जाता है।

इस प्रकार से द्विगुणित क्रम में आठ, सोलह, बत्तीस, चौंसठ, एक सौ अट्ठाइस, दो सौ छप्पन, पांच सौ बारह और अंतिम दिन एक हजार चौबीस अर्घ्य समर्पित किए जाते हैं। सिद्धचक्र महामंडल विधान में कुल 2040 अर्घ्य मंडप पर समर्पित किए जाते हैं। इस प्रकार बहुमण्डलीय श्री सिद्धचक्र विधान की यह परंपरा श्रावकों के लिए बहुविधहिताय और कल्याणार्थ है।

अतः शुद्ध भाव से यह अनुष्ठान करने से हमारे जीवन एवं घर गृहस्थी के समस्त पाप-ताप और संताप नष्ट हो जाते हैं। यही कारण है कि आज प्रत्येक श्रावक अपने जीवन भर में हुए ज्ञात-अज्ञात पापों के प्रायश्चित के लिए कम से कम एक बार सिद्धचक्र महामंडल विधान अवश्य करना चाहता है । इसे सर्वसिद्धिदायी और मंगलकारी विधान के रूप में जाना जाता है।


Discover more from VPS Bharat

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Related Posts

अरपा संरक्षण के लिए 10 एकड़ जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू

Listen to this article अरपा नदी के संरक्षण और पुनरोद्धार के लिए राज्य सरकार ने 10 एकड़ जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सोमवार को हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान शासन ने यह जानकारी दी। यह जमीन पेंड्रा क्षेत्र में अधिग्रहित की जा रही है, जिसमें 5 एकड़ जमीन अरपा…

सीपत पीएचसी का 1 करोड़ की लागत से होगा रिनोवेशन

Listen to this article कलेक्टर ने अस्पताल का किया निरीक्षण सीपत स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) का 1 करोड़ रुपये की लागत से रिनोवेशन किया जाएगा। इस कार्य के लिए विभिन्न योजनाओं के कन्वर्जेंस से धनराशि जुटाई जाएगी। कलेक्टर अवनीश शरण ने अस्पताल भवन और परिसर का निरीक्षण किया और डॉक्टरों तथा इंजीनियरों…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *